नीलम आज़ाद की जमानत पर अदालत का फैसला सुरक्षित, 11 सितंबर को सुनवाई

नीलम आज़ाद की जमानत पर अदालत का फैसला सुरक्षित, 11 सितंबर को सुनवाई

नीलम आज़ाद की जमानत पर अदालत का फैसला सुरक्षित

नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में नीलम आज़ाद की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर 11 सितंबर 2024 को फैसला सुनाएंगे।

जमानत के खिलाफ तर्क

विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अखंड प्रताप सिंह ने नीलम आज़ाद को जमानत देने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मजबूत और विश्वसनीय सबूत हैं, जिससे वह जमानत के योग्य नहीं हैं। सिंह ने यह भी कहा कि आरोपी फरार हो सकती है, गवाहों को धमका सकती है या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकती है। उन्होंने अपराध की गंभीरता और संभावित सजा पर जोर दिया।

रक्षा पक्ष का रुख

दूसरी ओर, बचाव पक्ष के वकील बलराज मलिक ने अभियोजन पक्ष के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह आर्थिक सुरक्षा या संप्रभुता के लिए खतरा नहीं है। उन्होंने असहमति को दबाने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के उपयोग की आलोचना की और बताया कि आरोपी को संसद में पीटा गया था।

मामले की पृष्ठभूमि

7 जून 2024 को, दिल्ली पुलिस ने नीलम आज़ाद सहित छह आरोपियों के खिलाफ 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। अन्य आरोपी हैं मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत और सागर शर्मा। उन पर 13 दिसंबर 2023 को संसद में अवैध रूप से प्रवेश करने और लाइव सत्र के दौरान धुआं कनस्तर फेंकने का आरोप है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत अभियोजन स्वीकृति दी।

मामला पहले संसद स्ट्रीट पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था और बाद में नई दिल्ली के पीएस स्पेशल सेल की काउंटर इंटेलिजेंस यूनिट को स्थानांतरित कर दिया गया। सभी छह आरोपी वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।

Doubts Revealed


कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रखा -: इसका मतलब है कि कोर्ट ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है और बाद में अपना निर्णय सुनाएगा।

नीलम आज़ाद -: नीलम आज़ाद एक व्यक्ति हैं जो संसद में सुरक्षा नियमों को तोड़ने के मामले में शामिल हैं।

जमानत -: जमानत वह होती है जब कोई जेल में बंद व्यक्ति पैसे देकर अपने मुकदमे तक आज़ाद हो सकता है।

संसद सुरक्षा उल्लंघन -: इसका मतलब है कि किसी ने नियम तोड़े और बिना अनुमति के संसद में प्रवेश किया।

पटियाला हाउस कोर्ट -: यह दिल्ली में एक कोर्ट है जहाँ कानूनी मामले सुने जाते हैं।

विशेष लोक अभियोजक -: एक वकील जो गंभीर मामलों में सरकार का प्रतिनिधित्व करता है।

अखंड प्रताप सिंह -: वह इस मामले में विशेष लोक अभियोजक हैं।

रक्षा वकील -: एक वकील जो अपराध के आरोपी व्यक्ति की मदद करता है।

बलराज मलिक -: वह नीलम आज़ाद के रक्षा वकील हैं।

गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम -: भारत में एक कानून जो देश को नुकसान पहुँचाने वाली अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए है।

आरोपी -: वे लोग जिन पर कुछ गलत या अवैध करने का आरोप लगाया गया है।

13 दिसंबर, 2023 -: वह तारीख जब संसद सुरक्षा उल्लंघन हुआ था।

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