लाहौर हाई कोर्ट ने एजेंसियों को जजों से संपर्क करने से रोका
लाहौर हाई कोर्ट (LHC) ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को निर्देश दिया है कि सभी नागरिक और सैन्य एजेंसियों, जिनमें पाकिस्तान की इंटेलिजेंस ब्यूरो और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) शामिल हैं, को किसी भी जज या उनके स्टाफ से संपर्क करने या मिलने से रोका जाए। यह निर्णय सरगोधा के एक आतंकवाद विरोधी अदालत (ATC) के जज की शिकायत के बाद आया, जिन्होंने खुफिया अधिकारियों से मिलने से इनकार करने के बाद उत्पीड़न की रिपोर्ट की थी।
शिकायत का विवरण
न्यायमूर्ति शाहिद करीम ने शिकायत के बाद यह निर्देश जारी किया। सरगोधा के जज को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, जिसमें उनके गैस मीटर को नुकसान पहुंचाना और बिजली बिल में हेरफेर शामिल था, जब उन्होंने 7 जून को अपने पहले दिन एक ISI अधिकारी से मिलने से इनकार कर दिया।
अतिरिक्त उपाय
कोर्ट ने पाकिस्तानी पंजाब पुलिस को पंजाब भर में ATCs के लिए सुरक्षा उपाय बढ़ाने का भी निर्देश दिया। जजों को अपने मोबाइल फोन पर कॉल-रिकॉर्डिंग एप्लिकेशन डाउनलोड करने की आवश्यकता है ताकि किसी भी कॉल को रिकॉर्ड किया जा सके जो न्यायिक कार्यवाही को प्रभावित करने का प्रयास हो सकता है।
पिछली चिंताएं
इससे पहले, 7 मई को, पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जमाल खान मंडोखेल ने चिंता व्यक्त की थी कि सरकार न्यायिक मामलों में कथित हस्तक्षेप को संबोधित नहीं कर रही है।