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इमरान खान की 22 जुलाई को कोर्ट सुनवाई: 9 मई हिंसा मामले में

इमरान खान की 22 जुलाई को कोर्ट सुनवाई: 9 मई हिंसा मामले में

इमरान खान की 22 जुलाई को कोर्ट सुनवाई: 9 मई हिंसा मामले में

लाहौर हाई कोर्ट (LHC) ने 22 जुलाई को पूर्व पाकिस्तान प्रधानमंत्री इमरान खान की याचिकाओं की सुनवाई निर्धारित की है। ये याचिकाएं 9 मई 2023 की हिंसा में उनकी कथित संलिप्तता के लिए उन्हें दी गई 10 दिन की शारीरिक रिमांड को चुनौती देती हैं।

सुनवाई का विवरण

दो सदस्यीय बेंच, जिसमें जस्टिस तारिक सलीम शेख और जस्टिस अनवरुल हक शामिल हैं, इस सुनवाई की अध्यक्षता करेंगे। याचिकाओं में तर्क दिया गया है कि लाहौर की आतंकवाद विरोधी अदालत (ATC) ने शारीरिक रिमांड देते समय रिकॉर्ड की सही तरीके से जांच नहीं की। इमरान खान के वकील ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के संस्थापक पहले से ही जेल में थे और पुलिस द्वारा पहले ही जांच की जा चुकी थी।

तर्क और प्रतितर्क

रक्षा वकील का कहना है कि शारीरिक रिमांड देने में कानून का पालन नहीं किया गया और LHC से आदेश को शून्य और अवैध घोषित करने का आग्रह किया। ATC ने इमरान खान को 9 मई के दंगों से संबंधित 12 मामलों में 10 दिन की शारीरिक रिमांड पर भेजा था। सुनवाई के दौरान, सुरक्षा चिंताओं के कारण इमरान खान को वीडियो लिंक के माध्यम से पेश किया गया।

अभियोजक ने उल्लेख किया कि वे 9 मई की घटनाओं के फुटेज के संबंध में इमरान खान से पूछताछ करना चाहते थे। हालांकि, रक्षा वकील ने इसका विरोध किया, यह कहते हुए कि अगर आरोपी को वीडियो लिंक के माध्यम से पेश किया जाता है तो शारीरिक रिमांड नहीं दी जा सकती।

मामले की पृष्ठभूमि

9 मई को, इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक झड़पें हुईं। विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें सेना की स्थापनाओं, जिसमें लाहौर में कोर कमांडर का घर भी शामिल है, पर हमला किया गया। इमरान खान, जिन्होंने 2018 से 2022 तक प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की, अगस्त 2023 से अदियाला जेल में हैं, जिसमें तोशाखाना मामला, साइफर मामला और अवैध विवाह मामला शामिल हैं।

Doubts Revealed


इमरान खान -: इमरान खान एक प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री हैं। राजनीति में प्रवेश करने से पहले वह एक प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी भी थे।

अदालत की सुनवाई -: अदालत की सुनवाई एक बैठक होती है जिसमें एक न्यायाधीश दोनों पक्षों की दलीलें सुनता है और फिर निर्णय लेता है।

लाहौर उच्च न्यायालय -: लाहौर उच्च न्यायालय लाहौर में स्थित एक बड़ा और महत्वपूर्ण न्यायालय है। यह गंभीर कानूनी मामलों से निपटता है।

याचिकाएँ -: याचिकाएँ औपचारिक अनुरोध होती हैं जो अदालत से किसी विशेष कानूनी कार्रवाई या निर्णय के लिए की जाती हैं।

शारीरिक रिमांड -: शारीरिक रिमांड का मतलब है कि किसी व्यक्ति को पुलिस हिरासत में एक निश्चित अवधि के लिए रखा जाता है ताकि पुलिस आगे की जांच कर सके।

9 मई की हिंसा -: 9 मई की हिंसा उन दंगों और अशांति को संदर्भित करती है जो 9 मई को हुई थीं। लोग हिंसक गतिविधियों में शामिल थे और पुलिस यह जांच कर रही है कि इसके लिए कौन जिम्मेदार था।

आतंकवाद विरोधी अदालत -: आतंकवाद विरोधी अदालत एक विशेष अदालत होती है जो आतंकवाद और गंभीर अपराधों से संबंधित मामलों से निपटती है।

दंगे -: दंगे एक समूह द्वारा की गई हिंसक अशांति होती है, जिसमें अक्सर संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और पुलिस के साथ झड़पें शामिल होती हैं।

वकील -: वकील वह व्यक्ति होता है जो लोगों को कानूनी मामलों में मदद करता है और अदालत में उनका प्रतिनिधित्व करता है।

रिमांड आदेश -: रिमांड आदेश एक अदालत का निर्णय होता है जिसमें किसी को आगे की जांच के लिए हिरासत में रखा जाता है।

अमान्य -: अमान्य का मतलब है किसी चीज को रद्द करना या उसे अब वैध या प्रभावी नहीं बनाना।
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