पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने की मांग की

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने की मांग की

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने की मांग की

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक लगाने की मांग की है, यह कहते हुए कि यह नैतिक मूल्यों के ह्रास में योगदान देता है। उन्होंने इस बात का जिक्र इस्लामाबाद में आयोजित ‘मरगल्ला डायलॉग 2024’ में किया, जिसका विषय ‘शांति और स्थिरता में पाकिस्तान की भूमिका’ था।

जनरल मुनीर ने तकनीक के माध्यम से गलत जानकारी फैलने के प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीक जानकारी के प्रसार में मदद करती है, लेकिन यह भ्रामक सामग्री के साथ चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करती है। उन्होंने गलत जानकारी और घृणा भाषण को रोकने के लिए व्यापक कानूनों की आवश्यकता पर बल दिया, जो राजनीतिक और सामाजिक संरचनाओं को अस्थिर करते हैं।

जनरल मुनीर ने विशेष रूप से सोशल मीडिया पर गलत जानकारी के खतरों के बारे में बात की, जो पाकिस्तान की सेना को निशाना बनाती है। उन्होंने ‘डिजिटल आतंकवाद’ के खिलाफ चेतावनी दी और जानकारी की सत्यता की जांच करने के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने दोहराया कि संविधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की अनुमति देता है, लेकिन यह स्पष्ट सीमाएँ भी निर्धारित करता है। उन्होंने शत्रुतापूर्ण ताकतों को चेतावनी दी कि पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी खतरे का कड़ा जवाब दिया जाएगा।

Doubts Revealed


पाकिस्तान सेना प्रमुख -: पाकिस्तान सेना प्रमुख पाकिस्तान सेना में सबसे उच्च रैंकिंग अधिकारी होता है। वह सभी सैन्य अभियानों की देखरेख करने और देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है।

जनरल असीम मुनीर -: जनरल असीम मुनीर वर्तमान में पाकिस्तान के सेना प्रमुख हैं। वह एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हैं जो पाकिस्तान सेना का नेतृत्व करते हैं।

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता -: अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वह अधिकार है जिसमें व्यक्ति बिना सरकारी प्रतिशोध या सेंसरशिप के अपनी राय और विचार व्यक्त कर सकता है। यह लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

मरगल्ला संवाद 2024 -: मरगल्ला संवाद इस्लामाबाद, पाकिस्तान में आयोजित एक सम्मेलन या बैठक है, जहां नेता और विशेषज्ञ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करते हैं। 2024 की घटना इस श्रृंखला की नवीनतम है।

भ्रामक जानकारी -: भ्रामक जानकारी गलत या असत्य जानकारी होती है जो अनजाने में फैलाई जाती है। यह भ्रम और गलतफहमियां पैदा कर सकती है, खासकर जब इसे सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया जाता है।

सोशल मीडिया -: सोशल मीडिया ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जैसे फेसबुक, ट्विटर, और इंस्टाग्राम जहां लोग जानकारी, फोटो, और वीडियो दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं।

घृणास्पद भाषण -: घृणास्पद भाषण वह संचार है जो लोगों को उनकी जाति, धर्म, लिंग, या अन्य विशेषताओं के आधार पर नीचा दिखाता है या भेदभाव करता है। यह हिंसा और सामाजिक अशांति का कारण बन सकता है।

डिजिटल आतंकवाद -: डिजिटल आतंकवाद इंटरनेट और डिजिटल तकनीक का उपयोग करके भय, भ्रामक जानकारी फैलाने या समाजों को बाधित करने को संदर्भित करता है। इसमें हैकिंग, गलत जानकारी फैलाना, या ऑनलाइन हिंसा भड़काना शामिल हो सकता है।

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