सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली की बरी पर पुनर्विचार किया

सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली की बरी पर पुनर्विचार किया

सुप्रीम कोर्ट ने निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली की बरी पर पुनर्विचार किया

भारत के सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर एक अपील पर नोटिस जारी किया है, जिसमें 2005-06 के नोएडा निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली की इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए जाने को चुनौती दी गई है।

पृष्ठभूमि

न्यायमूर्ति बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कोली और अन्य को नोटिस जारी किया, और इस मामले को एक अन्य लंबित मामले के साथ जोड़ दिया। CBI का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तर्क दिया कि कोली एक सीरियल किलर था जिसने युवा लड़कियों को फुसलाकर उनकी हत्या की। उन्होंने हत्याओं को ‘भयानक’ बताया और नरभक्षण के आरोपों का भी उल्लेख किया। ट्रायल कोर्ट ने कोली को पहले मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन इसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पलट दिया।

पिछले कोर्ट के फैसले

पहले, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य से पप्पू लाल की अपील पर प्रतिक्रिया मांगी थी, जो एक पीड़िता के पिता हैं, जिन्होंने व्यवसायी मोनिंदर सिंह पंधेर और कोली की उच्च न्यायालय द्वारा बरी किए जाने को चुनौती दी थी। पिछले साल अक्टूबर में, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निठारी हत्याकांड से संबंधित कुछ मामलों में पंधेर और कोली को बरी कर दिया था, उनकी मौत की सजा को पलटते हुए।

मामले का विवरण

CBI ने कोली और पंधेर के खिलाफ 16 मामले दर्ज किए थे, जिनमें लड़कियों के बलात्कार और हत्या के आरोप थे, जो दिसंबर 2006 में पंधेर के घर के पास निठारी गांव में एक नाले में कंकाल मिलने पर देश को झकझोर कर रख दिया था। कोली पर हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत नष्ट करने के आरोपों में सभी मामलों में आरोप लगाए गए थे, जबकि पंधेर को छह मामलों में नामित किया गया था। कोली को 10 से अधिक मामलों में दोषी ठहराया गया और मौत की सजा सुनाई गई।

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