नई दिल्ली में आतंकवाद विरोधी सम्मेलन का नेतृत्व अमित शाह ने किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने नई दिल्ली में दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें आतंकवाद, विशेष रूप से साइबर अपराध और वित्तीय आतंकवाद से निपटने के लिए मजबूत सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया। केंद्रीय और राज्य एजेंसियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एकीकृत रणनीति पर सहमति व्यक्त की।
मुख्य चर्चाएँ और घोषणाएँ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा का नेतृत्व किया और राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने पुलिस स्टेशनों से लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालयों तक समन्वित दृष्टिकोण पर जोर दिया ताकि आतंक वित्तपोषण और क्रिप्टोकरेंसी जैसी चुनौतियों का सामना किया जा सके।
शाह ने एजेंसियों के बीच ‘जानने की जरूरत’ से ‘साझा करने की जिम्मेदारी’ की संस्कृति में बदलाव की वकालत की और आतंकवाद से लड़ने के लिए ‘संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण’ को बढ़ावा दिया। उन्होंने राज्यों से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
क्षमता निर्माण और तकनीकी प्रगति
केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने राज्य स्तर की क्षमता को मजबूत करने के महत्व पर जोर दिया और एनआईए द्वारा आगे की क्षमता निर्माण सत्रों की घोषणा की। डिजिटल साक्ष्य की गुणवत्ता में सुधार के लिए राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशालाओं के अतिरिक्त परिसरों की योजनाओं का खुलासा किया गया।
मोहन ने वित्तीय खुफिया इकाई और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की भूमिकाओं को वित्तीय और साइबर संबंधित अपराधों के प्रबंधन में रेखांकित किया। सम्मेलन ने एनआईए की 95.14% सजा दर को उन्नत तकनीकों के माध्यम से प्राप्त किया।
सम्मेलन की मुख्य बातें
इस कार्यक्रम में ‘आतंकवाद विरोधी जांच में अभियोजन और विकसित कानूनी ढांचा’ और ‘उभरती प्रौद्योगिकियां: चुनौतियां और अवसर’ जैसे विषयों पर सत्र शामिल थे। प्रतिभागियों ने आतंकवादियों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग को संबोधित करने के लिए वैश्विक सहयोग और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के सावधानीपूर्वक अनुप्रयोग पर चर्चा की।
बीएसएफ, एनसीबी और एनएसजी सहित प्रमुख एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने एनआईए के नए आदर्श वाक्य का अनावरण किया और यूएपीए अधिनियम के तहत जांच के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं की एक पुस्तिका लॉन्च की। पुलिस कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया गया।
Doubts Revealed
केंद्रीय गृह मंत्री -: केंद्रीय गृह मंत्री भारतीय सरकार में एक उच्च-स्तरीय अधिकारी होते हैं जो आंतरिक सुरक्षा और घरेलू नीति के लिए जिम्मेदार होते हैं। अमित शाह वर्तमान में भारत के केंद्रीय गृह मंत्री हैं।
आतंकवाद विरोधी सम्मेलन -: आतंकवाद विरोधी सम्मेलन एक बैठक होती है जहाँ विशेषज्ञ और अधिकारी आतंकवाद को रोकने और उससे लड़ने के तरीकों पर चर्चा करते हैं। इसमें विचारों और रणनीतियों को साझा किया जाता है ताकि लोगों को आतंकवादी गतिविधियों से सुरक्षित रखा जा सके।
राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) -: राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी भारत की एक केंद्रीय एजेंसी है जो आतंकवाद और अन्य गंभीर अपराधों की जांच और उनसे लड़ाई करती है। यह देश को खतरों से सुरक्षित रखने के लिए काम करती है।
साइबर अपराध -: साइबर अपराध उन अवैध गतिविधियों को संदर्भित करता है जो कंप्यूटर या इंटरनेट का उपयोग करके की जाती हैं। इसमें हैकिंग, जानकारी चुराना, और अन्य हानिकारक ऑनलाइन कार्य शामिल हैं।
वित्तीय आतंकवाद -: वित्तीय आतंकवाद में आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए धन का उपयोग शामिल होता है। इसमें आतंकवादी समूहों को वित्तपोषण करना या किसी देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए वित्तीय प्रणालियों का उपयोग करना शामिल है।
राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी नीति और रणनीति -: यह एक योजना है जो सरकार द्वारा आतंकवाद को रोकने और उसका जवाब देने के लिए बनाई जाती है। इसमें विभिन्न रणनीतियाँ और कार्य शामिल होते हैं ताकि देश को आतंकवादी खतरों से सुरक्षित रखा जा सके।
डीजीपी -: डीजीपी का मतलब पुलिस महानिदेशक होता है, जो भारत के किसी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में सबसे उच्च-स्तरीय पुलिस अधिकारी होते हैं। वे पुलिस बल की देखरेख करते हैं और कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करते हैं।
दोषसिद्धि दर -: दोषसिद्धि दर उन मामलों का प्रतिशत है जहाँ आरोपी को अदालत में दोषी पाया जाता है। उच्च दोषसिद्धि दर का मतलब है कि अधिकांश मामलों में दोषी निर्णय आता है।
कानूनी ढांचे -: कानूनी ढांचे उन कानूनों और नियमों का सेट होते हैं जो यह मार्गदर्शन करते हैं कि कानूनी रूप से चीजें कैसे की जानी चाहिए। वे समाज में न्याय और व्यवस्था सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।
उभरती प्रौद्योगिकियाँ -: उभरती प्रौद्योगिकियाँ नई और उन्नत प्रौद्योगिकियाँ होती हैं जो विकसित और उपयोग की जा रही हैं। इनमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, और अधिक शामिल हो सकते हैं।