साकिब अब्दुल हमीद नाचन ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत न मिलने को चुनौती दी
नई दिल्ली [भारत], 24 जून: साकिब अब्दुल हमीद नाचन ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें उन्होंने ट्रायल कोर्ट के जमानत न देने के फैसले को चुनौती दी है। ट्रायल कोर्ट ने 20 मई, 2024 को जांच अवधि बढ़ा दी थी, जिसे नाचन अवैध मानते हैं।
पृष्ठभूमि
नाचन को पहले 2002 और 2004 के मुंबई धमाकों में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था। अब उन्होंने अपने वकील मुबीन अकबर के माध्यम से हाई कोर्ट में ट्रायल कोर्ट के 19 अप्रैल और 20 मई, 2024 के आदेशों को चुनौती दी है।
कानूनी तर्क
नाचन का तर्क है कि जांच अवधि का विस्तार और उनकी न्यायिक हिरासत उचित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए बिना दी गई थी। उनका दावा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 167 के तहत आवश्यक प्रावधानों का पालन नहीं किया।
आगामी सुनवाई
मामले की सुनवाई 11 जुलाई को जस्टिस मिनी पुष्कर्णा और धर्मेश शर्मा की अवकाशकालीन पीठ द्वारा की जाएगी।
संबंधित मामले
जुलाई 2023 में, शहनवाज आलम और अन्य आरोपियों के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सितंबर और नवंबर 2023 में बाद की प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसके परिणामस्वरूप 9 दिसंबर 2023 को नाचन और अन्य की गिरफ्तारी हुई। तब से उनकी न्यायिक हिरासत कई बार बढ़ाई गई है।