बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत की जांच करेगा एनजीटी

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत की जांच करेगा एनजीटी

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत की जांच करेगा एनजीटी

राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 10 हाथियों की रहस्यमयी मौत की जांच शुरू की है। इन मौतों का कारण संदिग्ध रूप से जहरीला कोदो मिलेट माना जा रहा है, जिससे वन्यजीव और पर्यावरण सुरक्षा को खतरा है।

एनजीटी की प्रतिक्रिया

12 नवंबर, 2024 को एनजीटी ने इस मामले का स्वतः संज्ञान लिया, यह बताते हुए कि जहरीले अनाज से हाथियों, पशुधन और मनुष्यों को खतरा हो सकता है। अधिकरण ने वन संरक्षण अधिनियम, 1980 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के संभावित उल्लंघनों का हवाला देते हुए पर्यावरणीय मानदंडों के सख्त प्रवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया।

अधिकारियों को सूचित किया गया

एनजीटी ने कई अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं, जिनमें प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मध्य प्रदेश), मुख्य वन्यजीव वार्डन (मध्य प्रदेश), जिला मजिस्ट्रेट (उमरिया), और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान और भारतीय वन्यजीव संस्थान जैसे राष्ट्रीय संस्थान शामिल हैं। कृषि मंत्रालय को भी जहरीले मिलेट से उत्पन्न खतरों के बारे में सतर्क किया गया है।

अगले कदम

मामले को एनजीटी के केंद्रीय क्षेत्रीय पीठ को स्थानांतरित कर दिया गया है, और अगली सुनवाई 23 दिसंबर, 2024 को निर्धारित की गई है। इसका परिणाम वन्यजीव संरक्षण और क्षेत्र में कृषि प्रथाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।

Doubts Revealed


NGT -: NGT का मतलब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल है। यह भारत में एक विशेष अदालत है जो पर्यावरण और प्रकृति से संबंधित मामलों को देखती है। वे सुनिश्चित करते हैं कि पर्यावरण की रक्षा हो और कानूनों का पालन किया जाए।

हाथी मौतें -: हाथी मौतें उस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को संदर्भित करती हैं जहां हाथियों की मृत्यु हो गई है। इस मामले में, यह जांच की जा रही है कि इन हाथियों की मृत्यु बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में क्यों हुई।

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व -: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश, भारत में एक संरक्षित क्षेत्र है। यह अपने बड़े बाघों की आबादी और अन्य वन्यजीवों, जिसमें हाथी भी शामिल हैं, के लिए प्रसिद्ध है।

कोदो बाजरा -: कोदो बाजरा भारत में उगाई जाने वाली एक प्रकार की अनाज है। इसका उपयोग मानव और पशुओं के भोजन के रूप में किया जाता है। इस मामले में, संदेह है कि कोदो बाजरा विषाक्त था, जिससे हाथियों की मृत्यु हुई।

स्वतः संज्ञान -: स्वतः संज्ञान का मतलब है कि अदालत ने स्वयं किसी मामले का संज्ञान लिया है, बिना किसी के शिकायत दर्ज किए। यह दिखाता है कि अदालत को यह मुद्दा बहुत महत्वपूर्ण लगता है।

कृषि मंत्रालय -: कृषि मंत्रालय भारतीय सरकार का एक हिस्सा है। यह भारत में खेती, खाद्य उत्पादन और संबंधित गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है। उन्हें विषाक्त कोदो बाजरा की समस्या को हल करने में मदद करने के लिए कहा गया है।

मध्य क्षेत्र पीठ -: मध्य क्षेत्र पीठ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का एक विशेष विभाग है। यह भारत के मध्य भाग, जिसमें मध्य प्रदेश शामिल है, से पर्यावरणीय मामलों को संभालता है।

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