नेपाल के राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल ने मंत्रिपरिषद की सिफारिश के बाद 31 जनवरी से शीतकालीन संसद सत्र बुलाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय विपक्षी दलों के दबाव के बाद आया है, जो सत्र की देरी से असंतुष्ट थे।
शीतकालीन सत्र सामान्य से डेढ़ महीने बाद शुरू हो रहा है, क्योंकि पिछला सत्र 16 सितंबर को समाप्त हुआ था। माओवादी केंद्र सहित विपक्षी दलों ने इस देरी पर असंतोष व्यक्त किया है, क्योंकि कई महत्वपूर्ण विधेयक और पूर्व-बजट मुद्दे अभी तक हल नहीं हुए हैं। उन्होंने सरकार द्वारा बिना संसदीय मंजूरी के पांच अध्यादेश जारी करने को असंवैधानिक बताया।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने स्पीकर देवराज घिमिरे के साथ सत्र पर चर्चा की, और अब सरकार ने 31 जनवरी को नया बानेश्वर के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र में सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस देरी का आगामी बजट या मानसून सत्र पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।
वर्तमान में, प्रतिनिधि सभा में 18 विधेयक और राष्ट्रीय सभा में तीन विधेयक लंबित हैं, जो समिति की समीक्षा की प्रतीक्षा कर रहे हैं। विपक्ष सरकार से इन विधायी मामलों को शीघ्रता से निपटाने के लिए सत्र बुलाने का आग्रह कर रहा है।
नेपाल दक्षिण एशिया में स्थित एक देश है, जो भारत के ठीक बगल में है। यह अपने सुंदर पहाड़ों के लिए जाना जाता है, जिसमें माउंट एवरेस्ट शामिल है, जो दुनिया का सबसे ऊँचा पर्वत है।
राम चंद्र पौडेल नेपाल के राष्ट्रपति हैं। राष्ट्रपति देश के प्रमुख की तरह होते हैं, जैसे भारत के राष्ट्रपति।
संसद सत्र वह समय होता है जब देश के विधायकों की बैठक होती है और वे कानून बनाते हैं। शीतकालीन सत्र आमतौर पर वर्ष के ठंडे महीनों में होता है।
मंत्रिपरिषद सरकार में महत्वपूर्ण लोगों का समूह होता है जो प्रधानमंत्री को निर्णय लेने में मदद करता है। वे नेताओं की एक टीम की तरह होते हैं।
माओवादी केंद्र नेपाल की एक राजनीतिक पार्टी है। राजनीतिक पार्टियाँ उन लोगों के समूह होते हैं जिनके देश को चलाने के बारे में समान विचार होते हैं।
अध्यादेश सरकार द्वारा बनाए गए नियम होते हैं जो अस्थायी कानूनों की तरह होते हैं। इनका उपयोग तब किया जाता है जब संसद सत्र में नहीं होती, लेकिन इन्हें बाद में संसद द्वारा अनुमोदित किया जाना चाहिए।
प्रतिनिधि सभा नेपाल की संसद का एक हिस्सा है जहाँ निर्वाचित सदस्य कानूनों पर चर्चा करते हैं और उन्हें पारित करते हैं। यह भारत की लोकसभा के समान है।
राष्ट्रीय सभा नेपाल की संसद का दूसरा हिस्सा है, जैसे भारत की राज्यसभा। यह भी कानून बनाने और अनुमोदित करने में मदद करती है।
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