सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 पुनः परीक्षा की याचिका खारिज की
भारत के सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG 2024 के लिए पुनः परीक्षा आयोजित करने के अपने पहले के निर्णय की समीक्षा करने की याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने पिछले फैसले में कोई त्रुटि नहीं पाई। यह समीक्षा याचिका काजल कुमारी द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने कथित कदाचार को पुनः परीक्षा का कारण बताया था। हालांकि, अदालत ने पाया कि हजारीबाग और पटना के कुछ केंद्रों के अलावा कोई महत्वपूर्ण प्रणालीगत उल्लंघन नहीं था। NEET-UG परीक्षा, जो राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित की जाती है, भारत में चिकित्सा प्रवेश के लिए महत्वपूर्ण है और इसे 5 मई, 2024 को लगभग 24 लाख उम्मीदवारों ने लिया था।
Doubts Revealed
सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत की सबसे उच्च अदालत है। यह देश में कानूनों और न्याय के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेती है।
याचिका -: याचिका एक अनुरोध है जो अदालत से किसी विशेष मुद्दे पर निर्णय लेने या कार्रवाई करने के लिए किया जाता है।
नीट-यूजी -: नीट-यूजी का मतलब नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर अंडरग्रेजुएट्स है। यह उन छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा है जो भारत में चिकित्सा की पढ़ाई करना चाहते हैं।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ -: डीवाई चंद्रचूड़ भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं, जिसका मतलब है कि वह सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख न्यायाधीश हैं।
प्रणालीगत कदाचार -: प्रणालीगत कदाचार का मतलब है परीक्षा या प्रणाली में व्यापक धोखाधड़ी या अनुचित प्रथाएं।
हजारीबाग और पटना -: हजारीबाग और पटना भारत के शहर हैं जहां नीट-यूजी परीक्षा के दौरान कुछ मुद्दे पाए गए।
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी -: राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी भारत में एक संगठन है जो नीट-यूजी जैसी परीक्षाएं छात्रों के लिए आयोजित करता है।
24 लाख उम्मीदवार -: 24 लाख का मतलब 2.4 मिलियन है। यह उन छात्रों की संख्या को संदर्भित करता है जिन्होंने नीट-यूजी परीक्षा दी।