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मुंबई कोर्ट ने प्रसिध नारायण दुबे और उनकी पत्नी को सजा सुनाई

मुंबई कोर्ट ने प्रसिध नारायण दुबे और उनकी पत्नी को सजा सुनाई

मुंबई कोर्ट ने प्रसिध नारायण दुबे और पत्नी को सजा सुनाई

असंगत संपत्ति मामले में फैसला

मुंबई के सिटी, सिविल और सेशंस कोर्ट ने पूर्व सीजीएसटी अधीक्षक प्रसिध नारायण दुबे और उनकी पत्नी विमला दुबे को असंगत संपत्ति मामले में सजा सुनाई है। प्रसिध दुबे को चार साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि विमला दुबे को दो साल की जेल और 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।

मामले की पृष्ठभूमि

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 20 फरवरी, 2018 को इस मामले की शुरुआत की थी, जब उन्हें जानकारी मिली कि प्रसिध दुबे के पास 90,90,908 रुपये की संपत्ति है, जो उनकी ज्ञात आय से 77.18% अधिक थी। यह संपत्ति 17 जून, 1994 से 23 फरवरी, 2018 के बीच की अवधि में पाई गई थी।

जांच और मुकदमा

गहन जांच के बाद, सीबीआई ने 23 दिसंबर, 2020 को चार्जशीट दाखिल की। 16 जून, 2022 को आरोप तय किए गए और 100 अभियोजन गवाहों की जांच की गई। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें सजा सुनाई।

Doubts Revealed


असंगत संपत्ति -: असंगत संपत्ति का मतलब है कि किसी के पास इतनी अधिक धन या संपत्ति है जो उनकी ज्ञात आय के आधार पर समझाई नहीं जा सकती। यह आमतौर पर सुझाव देता है कि अतिरिक्त धन अवैध रूप से प्राप्त किया गया हो सकता है।

सीजीएसटी अधीक्षक -: सीजीएसटी का मतलब है केंद्रीय वस्तु और सेवा कर। एक सीजीएसटी अधीक्षक एक अधिकारी होता है जो सरकार के लिए वस्तुओं और सेवाओं पर कर प्रबंधन और संग्रह करता है।

सीबीआई -: सीबीआई का मतलब है केंद्रीय जांच ब्यूरो। यह भारत की मुख्य एजेंसी है जो गंभीर अपराधों और भ्रष्टाचार के मामलों की जांच करती है।

अभियोजन गवाह -: अभियोजन गवाह वे लोग होते हैं जो अदालत में सबूत देते हैं ताकि किसी अपराध के आरोपी के खिलाफ मामले का समर्थन किया जा सके। वे अदालत को यह समझने में मदद करते हैं कि क्या हुआ।
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