राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नए आपराधिक कानूनों पर बहस की

राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नए आपराधिक कानूनों पर बहस की

राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नए आपराधिक कानूनों पर बहस की

1 जुलाई को भारत में नए आपराधिक कानून लागू हुए, जिससे राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी और कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी के बीच बहस छिड़ गई।

महेश जेठमलानी का दृष्टिकोण

महेश जेठमलानी ने विपक्ष की नए कानूनों की पुनः समीक्षा की मांग की आलोचना की। उन्होंने तर्क दिया कि ये कानून सर्वोच्च विधायी निकाय द्वारा पारित किए गए, राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त की और सही तरीके से अधिसूचित किए गए। जेठमलानी ने विपक्ष पर बिना समझे विरोध करने का आरोप लगाया और इसे ‘अंध विरोध’ कहा।

मनीष तिवारी की चिंताएं

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने नए कानूनों को ‘कठोर’ कहा और तर्क दिया कि इनके अस्पष्ट प्रावधानों के कारण यह पुलिस राज्य की ओर ले जा सकते हैं। उन्होंने आतंकवाद की पुनः परिभाषा की आवश्यकता पर सवाल उठाया और हथकड़ी के पुनः परिचय की आलोचना की। तिवारी ने कानूनों को लागू करने से पहले एक संयुक्त संसदीय समिति द्वारा विस्तृत समीक्षा की मांग की।

पृष्ठभूमि

नए कानून, भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, और भारतीय साक्ष्य संहिता, भारतीय दंड संहिता (IPC), 1860; आपराधिक प्रक्रिया संहिता (CrPC), 1973; और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 को प्रतिस्थापित करते हैं। ये कानून 21 दिसंबर 2023 को संसद द्वारा पारित किए गए, 25 दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त की और उसी दिन आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित किए गए।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *