भारत में सीमेंट की मांग में चुनौतियाँ
सितंबर में, भारत में सीमेंट की मांग बाजार की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी। इसका मुख्य कारण भारी मानसून और कुछ क्षेत्रीय समस्याएँ थीं, जैसा कि एक्सिस सिक्योरिटीज ने रिपोर्ट किया। जुलाई और अगस्त से कुछ सुधार हुआ था, लेकिन मांग अपेक्षित स्तरों से नीचे रही।
मांग को प्रभावित करने वाले कारक
रिपोर्ट में मांग में कमी के कई कारण बताए गए। एक महत्वपूर्ण कारण था बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए धन आवंटन में देरी, जबकि सीमेंट की कीमतें कई तिमाहियों में सबसे कम थीं। FY25 की पहली तिमाही में भी आम चुनाव, अत्यधिक गर्मी, श्रमिकों की कमी और असमय बारिश जैसी चुनौतियाँ थीं।
ऐतिहासिक रुझान और भविष्य की दृष्टि
ऐतिहासिक रूप से, चुनावी वर्षों में सीमेंट की मांग धीमी हो जाती है। आर्थिक सलाहकार कार्यालय के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार, FY24 में सीमेंट की मांग में 9% की वृद्धि हुई, लेकिन वर्तमान वित्तीय वर्ष में यह गति धीमी हो गई है। आगे देखते हुए, FY25 में मांग में 5% से 7% की वृद्धि की उम्मीद है, जो सरकारी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और रियल एस्टेट गतिविधियों द्वारा संचालित होगी।
सरकारी पहल
2024-25 के बजट में बुनियादी ढांचा और निर्माण के लिए सरकार का बढ़ा हुआ बजट FY25 की दूसरी छमाही में मांग को बढ़ावा देने की उम्मीद है। रियल एस्टेट बाजार की वृद्धि और प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी आवासीय पहलें भी सीमेंट की मांग को बनाए रखने की उम्मीद हैं। PMAY का लक्ष्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवास की कमी को दूर करने के लिए 3 करोड़ अतिरिक्त घर बनाना है।
Doubts Revealed
मानसून -: मानसून एक मौसमी पवन पैटर्न है जो भारत में भारी बारिश लाता है, आमतौर पर जून से सितंबर तक। इससे बाढ़ और निर्माण कार्य में देरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बुनियादी ढांचा वित्तपोषण -: बुनियादी ढांचा वित्तपोषण का मतलब है सरकार या अन्य स्रोतों द्वारा सड़कों, पुलों और इमारतों जैसी चीजों के निर्माण के लिए प्रदान किया गया धन। इस वित्तपोषण में देरी से निर्माण परियोजनाएं धीमी हो सकती हैं।
एक्सिस सिक्योरिटीज -: एक्सिस सिक्योरिटीज भारत में एक कंपनी है जो वित्तीय सेवाएं प्रदान करती है, जिसमें सीमेंट जैसी विभिन्न उद्योगों पर अनुसंधान और विश्लेषण शामिल है।
वित्तीय वर्ष 25 -: वित्तीय वर्ष 25 का मतलब है वित्तीय वर्ष 2025, जो भारत में 1 अप्रैल 2024 से शुरू होकर 31 मार्च 2025 को समाप्त होता है। कंपनियां और सरकारें इस अवधि का उपयोग अपनी वित्तीय योजनाओं और रिपोर्टों के लिए करती हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना -: प्रधानमंत्री आवास योजना भारत में एक सरकारी कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण गरीबों को सस्ती आवास प्रदान करना है। यह सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री की मांग को बढ़ाने में मदद करता है।