नई दिल्ली में विश्व धरोहर समिति बैठक में भारत की परियोजना PARI का जश्न
भारत के संस्कृति मंत्रालय ने 21-31 जुलाई तक नई दिल्ली में होने वाली 46वीं विश्व धरोहर समिति बैठक के साथ परियोजना PARI (पब्लिक आर्ट ऑफ इंडिया) की शुरुआत की है। इस पहल का संचालन ललित कला अकादमी और राष्ट्रीय आधुनिक कला दीर्घा द्वारा किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक कला प्रतिष्ठानों के माध्यम से भारत की समृद्ध कलात्मक धरोहर को प्रदर्शित करना है।
संस्कृति मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, भारत की सार्वजनिक कला की एक लंबी इतिहास है जो इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता को दर्शाती है। प्राचीन रॉक-कट मंदिरों से लेकर जीवंत स्ट्रीट आर्ट तक, देश के परिदृश्य कलात्मक चमत्कारों से सजे हुए हैं। परियोजना PARI का उद्देश्य इस धरोहर से प्रेरणा लेते हुए आधुनिक थीम और तकनीकों को शामिल करना है।
परियोजना PARI का पहला हस्तक्षेप दिल्ली में हो रहा है, जो विश्व धरोहर समिति बैठक के साथ मेल खाता है। इस परियोजना का उद्देश्य शहरी परिदृश्यों को सुलभ गैलरी में बदलकर कला को लोकतांत्रिक बनाना है, जिससे सभी को कलात्मक अनुभव प्राप्त हो सके। यह समावेशी दृष्टिकोण एक साझा सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देता है और सामाजिक एकता को मजबूत करता है।
देश भर से 150 से अधिक दृश्य कलाकार इस परियोजना में भाग ले रहे हैं, जो दीवार चित्र, भित्ति चित्र, मूर्तियां और प्रतिष्ठान बना रहे हैं। इन कलाकृतियों में राजस्थान की फड़ चित्रकला, सिक्किम और लद्दाख की थंका चित्रकला, हिमाचल प्रदेश की लघु चित्रकला और कई अन्य शैलियाँ शामिल हैं।
परियोजना PARI के लिए प्रस्तावित मूर्तियों में प्रकृति को श्रद्धांजलि, नाट्यशास्त्र से प्रेरित विचार, गांधी जी और बिंबेटका जैसे विश्व धरोहर स्थलों को शामिल किया गया है। महिला कलाकारों ने भी इस परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो भारत की नारी शक्ति को उजागर करती है।
परियोजना PARI की किसी रचना के साथ सेल्फी लेकर और #ProjectPARI के साथ सोशल मीडिया पर साझा करके इस उत्सव में शामिल हों। कलाकृतियों के बारे में अधिक जानकारी जल्द ही उपलब्ध होगी।