फसल अवशेष जलाने पर चर्चा के लिए केंद्रीय मंत्रियों की बैठक

फसल अवशेष जलाने पर चर्चा के लिए केंद्रीय मंत्रियों की बैठक

फसल अवशेष जलाने पर केंद्रीय मंत्रियों की बैठक

नई दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है, जिसकी अध्यक्षता कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव करेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य फसल अवशेष जलाने की समस्या का प्रबंधन करना है, जो वायु गुणवत्ता को प्रभावित कर रही है।

राज्य की पहल

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मंत्रियों ने फसल अवशेष जलाने को रोकने के लिए अपने प्रयास साझा किए। हरियाणा किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रति एकड़ 1,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि और विशेष परियोजनाओं के लिए अतिरिक्त भुगतान प्रदान करता है। पंजाब में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में 35% की कमी आई है, जबकि हरियाणा में 21% की कमी दर्ज की गई है।

सरकारी समर्थन

भारतीय सरकार इन प्रयासों का समर्थन फसल अवशेष प्रबंधन योजना के माध्यम से करती है, जिसमें इस वर्ष अब तक 275 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। यह योजना फसल अवशेष प्रबंधन उपकरणों और जैव-डिकम्पोजर्स के उपयोग को बढ़ावा देती है।

भविष्य की योजनाएं

राज्यों को रणनीतिक योजनाएं बनाने और हॉटस्पॉट्स को लक्षित करने की सलाह दी गई है ताकि फसल अवशेष जलाने को और कम किया जा सके। बैठक में जन जागरूकता अभियानों और मशीनरी के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर के उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया गया। लक्ष्य है कि ‘मिशन जीरो बर्निंग’ को सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से प्राप्त किया जाए।

Doubts Revealed


केंद्रीय मंत्री -: केंद्रीय मंत्री भारतीय सरकार में महत्वपूर्ण लोग होते हैं जो विभिन्न विभागों के प्रभारी होते हैं। वे पूरे देश के लिए निर्णय लेने में मदद करते हैं।

शिवराज सिंह चौहान -: शिवराज सिंह चौहान भारत में एक राजनेता हैं। वे मध्य प्रदेश, जो भारत का एक राज्य है, के मुख्यमंत्री के रूप में जाने जाते हैं।

भूपेंद्र यादव -: भूपेंद्र यादव एक भारतीय राजनेता हैं। वे एक केंद्रीय मंत्री हैं, जिसका मतलब है कि वे देश के लिए निर्णय लेने में मदद करते हैं।

फसल अवशेष प्रबंधन -: फसल अवशेष प्रबंधन फसल की कटाई के बाद पौधों के बचे हुए हिस्सों को संभालने के बारे में है। यह प्रदूषण को रोकने और मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है।

पराली जलाना -: पराली जलाना तब होता है जब किसान फसल के बचे हुए डंठलों में आग लगाते हैं। यह वायु प्रदूषण का कारण बन सकता है और पर्यावरण के लिए हानिकारक है।

वित्तीय प्रोत्साहन -: वित्तीय प्रोत्साहन पुरस्कार होते हैं, आमतौर पर पैसे, जो लोगों को कुछ करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दिए जाते हैं। इस मामले में, किसानों को फसल अवशेष नहीं जलाने के लिए पैसे मिलते हैं।

मिशन जीरो बर्निंग -: मिशन जीरो बर्निंग का लक्ष्य सभी पराली जलाने को रोकना है। इसका उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा करना और वायु गुणवत्ता में सुधार करना है।

फसल अवशेष प्रबंधन योजना -: फसल अवशेष प्रबंधन योजना भारतीय सरकार की एक योजना है। यह किसानों को बिना जलाए फसल के अवशेषों को प्रबंधित करने में मदद करती है।

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