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सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में जमानत दी

सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया को शराब नीति मामले में जमानत दी

नई दिल्ली, 9 अगस्त: विपक्षी नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया को शराब नीति अनियमितताओं के मामले में जमानत दी गई है।

राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं

सीपीआई के महासचिव डी राजा ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, ‘हम इसका स्वागत करते हैं… अब न्यायपालिका ने खुद ईडी और उसकी जांच पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है और यह ईडी के चेहरे पर तमाचा है।’

डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा, ‘आखिरकार, कुछ न्याय मिला है, और भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अभी भी जमानत नहीं मिली है… कानून जेल पर जोर नहीं देता… हर किसी को जमानत पाने का अधिकार है।’

केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने टिप्पणी की, ‘हर अपराधी, जिसमें हत्यारा और बलात्कारी भी शामिल है, को भी जमानत मिलती है।’

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति बी आर गवई और के वी विश्वनाथन शामिल थे, ने मनीष सिसोदिया को जमानत दी, जिसमें उनके पासपोर्ट को सरेंडर करने और गवाहों को प्रभावित न करने जैसी शर्तें शामिल थीं। कोर्ट सिसोदिया की दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज करने के खिलाफ अपील की सुनवाई कर रही थी, जो केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए गए मामलों में थी।

कोर्ट में तर्क

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू, जो जांच एजेंसियों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने गवाहों को प्रभावित करने की चिंताओं को उठाया और नष्ट किए गए फोन रिकॉर्ड के सबूतों का उल्लेख किया। उन्होंने सिसोदिया पर विभिन्न असंबंधित आवेदन दाखिल करने की भी आलोचना की।

वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी, जो सिसोदिया का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने तर्क दिया कि सत्रह महीने पहले ही बीत चुके हैं, जो न्यूनतम संभावित सजा का लगभग आधा है। उन्होंने लाभ मार्जिन पर आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि निर्णय कैबिनेट द्वारा अधिकारियों के साथ चर्चा के बाद किए गए थे, जिसमें उस समय के लेफ्टिनेंट गवर्नर भी शामिल थे।

मामले की पृष्ठभूमि

फरवरी 2023 में, सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली की अब रद्द की गई नई शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के लिए गिरफ्तार किया था। नीति को विपक्ष के आरोपों के बीच वापस ले लिया गया था। सिसोदिया वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं, सीबीआई का दावा है कि उन्होंने नीति से संबंधित आपराधिक साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

Doubts Revealed


सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत का सर्वोच्च न्यायालय है। यह कानूनी मामलों पर महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।

जमानत -: जमानत तब होती है जब किसी को गिरफ्तार किया गया हो और उन्हें उनके मुकदमे तक घर जाने की अनुमति दी जाती है, लेकिन उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होता है।

आप -: आप का मतलब आम आदमी पार्टी है, जो भारत में एक राजनीतिक पार्टी है जो आम लोगों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है।

मनीष सिसोदिया -: मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के एक नेता हैं और दिल्ली सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।

उत्पाद नीति -: उत्पाद नीति उन नियमों और विनियमों को संदर्भित करती है जो शराब और तंबाकू जैसे वस्तुओं पर करों से संबंधित होते हैं।

सीपीआई -: सीपीआई का मतलब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी है, जो वामपंथी विचारधाराओं में विश्वास करती है।

डी राजा -: डी राजा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एक नेता हैं।

डीएमके -: डीएमके का मतलब द्रविड़ मुनेत्र कड़गम है, जो तमिलनाडु, भारत में एक राजनीतिक पार्टी है।

कनिमोझी -: कनिमोझी डीएमके पार्टी की एक नेता और संसद सदस्य हैं।

सीबीआई -: सीबीआई का मतलब केंद्रीय जांच ब्यूरो है, जो भारत की मुख्य जांच एजेंसी है।

न्यायिक हिरासत -: न्यायिक हिरासत का मतलब है कि किसी व्यक्ति को उनके मुकदमे की प्रतीक्षा करते समय जेल में रखा जाता है।
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