असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन की आलोचना की

असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन की आलोचना की

असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रपति मुर्मू के संबोधन की आलोचना की

नई दिल्ली, भारत – एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त संबोधन की आलोचना की, इसे ‘पुरानी शराब नई बोतल में’ कहा। ओवैसी ने संबोधन में अल्पसंख्यकों और बेरोजगारी का उल्लेख न होने की ओर इशारा किया। उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की भारत में नफरत भरे भाषणों और अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्थलों के विध्वंस पर की गई टिप्पणियों को भी उजागर किया।

राष्ट्रपति मुर्मू का संबोधन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल की आलोचना की। उन्होंने आगामी केंद्रीय बजट में प्रमुख आर्थिक और सामाजिक निर्णयों की घोषणा का आश्वासन दिया। मुर्मू ने नीट परीक्षा में पेपर लीक की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने के सरकार के संकल्प पर जोर दिया।

नेताओं की प्रतिक्रियाएं

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर राष्ट्रपति के संबोधन का उपयोग सस्ती तालियां बटोरने के लिए करने का आरोप लगाया। खड़गे ने दावा किया कि यह भाषण मोदी सरकार द्वारा लिखा गया था और 2024 के चुनावों में जनता द्वारा खारिज कर दिया गया।

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