लालू प्रसाद यादव के मामले में अदालत का फैसला 31 जुलाई तक
नई दिल्ली, 15 जुलाई: राउज एवेन्यू अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और अन्य सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति पर निर्णय लेने के लिए सक्षम प्राधिकारी को दो सप्ताह का समय दिया है। विशेष सीबीआई जज विशाल गोगने ने अगली सुनवाई की तारीख 31 जुलाई तय की है।
मामले का विवरण
सीबीआई ने ‘जमीन के बदले नौकरी’ मामले में लालू प्रसाद यादव और 77 अन्य के खिलाफ अंतिम आरोप पत्र दाखिल किया है। इसमें 38 आरोपी उम्मीदवार शामिल हैं। अदालत ने पहले आरोप पत्र दाखिल करने में देरी पर नाराजगी जताई थी।
आरोप और आरोप पत्र
लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव भी आरोपियों में शामिल हैं। सीबीआई का आरोप है कि 2004-2009 के दौरान रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, लालू प्रसाद यादव ने रेलवे नौकरियों के बदले जमीन प्राप्त की। यह जमीन उनके परिवार के सदस्यों और उनके द्वारा नियंत्रित एक निजी कंपनी को हस्तांतरित की गई थी।
जांच के निष्कर्ष
सीबीआई की जांच में पाया गया कि नौकरी नियुक्तियों के लिए कोई सार्वजनिक नोटिस जारी नहीं किए गए थे, और उम्मीदवारों को नियमित करने से पहले प्रतिस्थापन के रूप में नियुक्त किया गया था। दिल्ली और बिहार में तलाशी के दौरान, लगे हुए उम्मीदवारों की सूची के साथ एक हार्ड डिस्क बरामद की गई।
अगले कदम
अदालत ने अभियोजन स्वीकृति पर सक्षम प्राधिकारी के निर्णय की प्रतीक्षा करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 31 जुलाई तय की है।