कोलकाता में चीनी नागरिकों के साथ ऑनलाइन सट्टेबाजी धोखाधड़ी में चार गिरफ्तार
कोलकाता (पश्चिम बंगाल) [भारत], 16 अगस्त
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत चार व्यक्तियों को एक ऐप-आधारित ऑनलाइन सट्टेबाजी और गेमिंग धोखाधड़ी में उनकी संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार व्यक्तियों के नाम अरुण साहू, आलोक साहू, चेतन प्रकाश और जोसेफ स्टालिन हैं।
मामले की पृष्ठभूमि
जांच तब शुरू हुई जब कोलकाता के कसीपोर पुलिस स्टेशन में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई। यह प्राथमिकी ‘फीविन’ नामक ऑनलाइन गेमिंग ऐप के माध्यम से धोखाधड़ी और साजिश के लिए दर्ज की गई थी।
धोखाधड़ी का विवरण
ED की जांच में पता चला कि चीनी नागरिक भारतीय नागरिकों की मदद से इस ऐप का संचालन कर रहे थे। ऑनलाइन गेमर्स से एकत्रित धन को विभिन्न व्यक्तियों के बैंक खातों में जमा किया गया, जिन्हें ‘रिचार्ज पर्सन्स’ कहा जाता था, जो कमीशन के लिए अपने खातों का उपयोग करने की अनुमति देते थे।
राउरकेला, ओडिशा के अरुण साहू और आलोक साहू ‘रिचार्ज पर्सन्स’ के रूप में कार्य करते थे। उन्होंने प्राप्त धन को क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया और इसे विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज बिनेंस पर चीनी नागरिकों के वॉलेट में स्थानांतरित कर दिया।
पटना, बिहार के एक इंजीनियर चेतन प्रकाश ने ‘रिचार्ज पर्सन्स’ को भारतीय रुपये (INR) को क्रिप्टोकरेंसी (USD) में बदलने में मदद की। चेन्नई के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर जोसेफ स्टालिन ने एक चीनी नागरिक पाई पेंग्युन को स्टूडियो 21 प्राइवेट लिमिटेड का सह-निदेशक बनने में मदद की, जो उनकी कंपनी थी। इस कंपनी का उपयोग ऐप से संबंधित बल्क पेआउट सेवाओं के लिए किया गया, जिससे गेमर्स का विश्वास बढ़ा और बड़े दांव लगाने के लिए प्रेरित किया।
वित्तीय विवरण
जोसेफ स्टालिन को पेआउट सेवाओं के लिए धनराशि क्रिप्टोकरेंसी के रूप में उनके बिनेंस खाते में चीनी हैंडलर्स द्वारा नियंत्रित वॉलेट्स से प्राप्त हुई। उन्होंने इसे विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज पर पी2पी मोड के माध्यम से INR में बदल दिया। जांच में पता चला कि फीविन ऐप-आधारित धोखाधड़ी से लगभग 400 करोड़ रुपये उत्पन्न हुए और चीनी नागरिकों के स्वामित्व वाले आठ बिनेंस वॉलेट्स में जमा किए गए। इन वॉलेट्स का संचालन चीन से किया गया, जैसा कि एक्सेस आईपी लॉग्स से पता चला।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्यवाही
चीनी नागरिकों ने डिजिटल माध्यमों, विशेष रूप से टेलीग्राम समूहों के माध्यम से आरोपियों के साथ संवाद किया। ED ने कहा, “चूंकि सभी चार आरोपी फीविन ऐप-आधारित घोटाले में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे, उन्हें गिरफ्तार किया गया और विशेष अदालत (PMLA) के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने सभी चार आरोपियों को 14 दिनों के लिए ED की हिरासत में भेज दिया है।”
आगे की जांच जारी है।
Doubts Revealed
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) -: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भारत में एक सरकारी एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी जैसे वित्तीय अपराधों की जांच करती है।
कोलकाता -: कोलकाता भारत का एक बड़ा शहर है, जो पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। यह अपनी समृद्ध संस्कृति और इतिहास के लिए जाना जाता है।
ऑनलाइन सट्टेबाजी धोखाधड़ी -: ऑनलाइन सट्टेबाजी धोखाधड़ी तब होती है जब लोग इंटरनेट का उपयोग करके दूसरों को खेलों या घटनाओं पर पैसा लगाने के लिए धोखा देते हैं, लेकिन खेल फिक्स होते हैं या पैसा चुरा लिया जाता है।
चीनी नागरिक -: चीनी नागरिक वे लोग होते हैं जो चीन के नागरिक होते हैं, जो पूर्वी एशिया का एक देश है।
धन शोधन -: धन शोधन का मतलब है अवैध रूप से प्राप्त धन को वैध स्रोतों से आया हुआ दिखाना। यह बुरे पैसे को अच्छा दिखाने जैसा है।
₹ 400 करोड़ -: ₹ 400 करोड़ भारतीय मुद्रा में एक बड़ी राशि है, जहां 1 करोड़ 10 मिलियन रुपये के बराबर होता है। तो, ₹ 400 करोड़ 4 बिलियन रुपये होते हैं।
ईडी हिरासत -: ईडी हिरासत का मतलब है कि गिरफ्तार किए गए लोग प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ और जांच के लिए रखे गए हैं।