विदेश मंत्री एस. जयशंकर की यूएई यात्रा
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर आधिकारिक यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहुंचे हैं। दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया पर घोषणा की कि इस यात्रा का उद्देश्य भारत और यूएई के बीच सहयोग को बढ़ाना और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है।
ऐतिहासिक संबंध
भारत और यूएई के बीच 1972 से राजनयिक संबंध हैं, और दोनों देशों में दूतावास स्थापित किए गए हैं। ये दोनों देश संयुक्त राष्ट्र में निकट सहयोग करते हैं और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों का हिस्सा हैं, जिनमें ब्रिक्स और यूएई-फ्रांस-भारत त्रिपक्षीय शामिल हैं।
हालिया विकास
भारत और यूएई के संबंधों में 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के बाद से महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, जिसने व्यापक और रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत की। पीएम मोदी ने यूएई की कई बार यात्रा की है, जिसमें सबसे हालिया यात्रा 2023 के अंत में COP28-विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के लिए थी।
मुख्य समझौते और यात्राएं
2022 में, भारत और यूएई ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर किए। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद ने भी भारत की कई यात्राएं की हैं, जिनमें 2023 में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेना शामिल है।
हालिया बैठकें
इस वर्ष की शुरुआत में, एस. जयशंकर ने यूएई के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की और उनकी रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की। अपनी यात्रा के दौरान, जयशंकर ने अबू धाबी में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व भी किया।
Doubts Revealed
ईएएम -: ईएएम का मतलब विदेश मामलों के मंत्री होता है। भारत में, यह वह व्यक्ति होता है जो देश के अन्य देशों के साथ संबंधों का प्रबंधन करता है।
एस. जयशंकर -: एस. जयशंकर वर्तमान में भारत के विदेश मामलों के मंत्री हैं। वह भारत को अन्य देशों के साथ संवाद और कार्य करने में मदद करते हैं।
यूएई -: यूएई का मतलब यूनाइटेड अरब एमिरेट्स होता है। यह मध्य पूर्व का एक देश है, जो अपने शहरों जैसे दुबई और अबू धाबी के लिए जाना जाता है।
द्विपक्षीय संबंध -: द्विपक्षीय संबंध दो देशों के बीच के संबंधों को संदर्भित करते हैं। इस मामले में, इसका मतलब भारत और यूएई के बीच के संबंध हैं।
राजनयिक संबंध -: राजनयिक संबंध दो देशों के बीच के आधिकारिक संबंध होते हैं। इनमें विभिन्न मुद्दों पर संचार और सहयोग शामिल होता है।
व्यापक रणनीतिक साझेदारी -: यह दो देशों के बीच एक विशेष समझौता है ताकि वे व्यापार, सुरक्षा और संस्कृति जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निकटता से काम कर सकें।
व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता -: यह दो देशों के बीच एक समझौता है जो वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को आसान बनाता है, जिससे दोनों देशों के व्यवसायों को मदद मिलती है।