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जनरल वीके सिंह ने आंतरिक सुरक्षा पर दिया जोर, भारत-चीन सीमा समझौते की सराहना

जनरल वीके सिंह ने आंतरिक सुरक्षा पर दिया जोर, भारत-चीन सीमा समझौते की सराहना

जनरल वीके सिंह ने आंतरिक सुरक्षा पर दिया जोर

नई दिल्ली में, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने में सामूहिक जिम्मेदारी के महत्व पर जोर दिया। चाणक्य रक्षा संवाद में बोलते हुए, उन्होंने सभी से राष्ट्र की सुरक्षा में सक्रिय भागीदारी की अपील की। उन्होंने कहा, “आंतरिक सुरक्षा सभी का मामला है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस जिम्मेदारी को उन सभी के साथ साझा करें जिनके साथ हम संपर्क में आते हैं।”

भारत-चीन सीमा समझौता

जनरल वीके सिंह ने हाल ही में हुए भारत-चीन सीमा समझौते की सराहना की, इसे एक सकारात्मक कदम बताया। उन्होंने राजनयिकों के प्रयासों की प्रशंसा की और कहा कि समझौते के विशेष विवरण, जिसमें विघटन और गश्त शामिल है, को जमीन पर काम करने वालों द्वारा तय किया जाना चाहिए। उन्होंने नेताओं के बीच सार्थक चर्चाओं के लिए सकारात्मक माहौल बनने पर आशा व्यक्त की।

समझौते का विवरण

यह समझौता पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 10 महीने लंबे सैन्य गतिरोध में एक महत्वपूर्ण विकास का प्रतीक है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की कि चीनी सैनिक फिंगर 8 के पूर्व में वापस जाएंगे, जबकि भारतीय सैनिक फिंगर 3 के पास धन सिंह थापा पोस्ट पर लौटेंगे। समझौते में शेष मुद्दों को हल करने के लिए आगे की बैठकों की योजना भी शामिल है।

विदेश सचिव का बयान

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि समझौता देपसांग और डेमचोक जैसे क्षेत्रों से संबंधित है। उन्होंने सितंबर 2022 के अंतिम समझौते के बाद से वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ लंबित मुद्दों को हल करने के लिए चल रहे प्रयासों का उल्लेख किया।

Doubts Revealed


जनरल वीके सिंह -: जनरल वीके सिंह एक सेवानिवृत्त भारतीय सेना अधिकारी हैं जिन्होंने सेना प्रमुख के रूप में सेवा की है। वह एक राजनीतिज्ञ भी हैं और विभिन्न सरकारी भूमिकाओं में शामिल रहे हैं।

आंतरिक सुरक्षा -: आंतरिक सुरक्षा का मतलब देश की सीमाओं के भीतर के खतरों से सुरक्षा है, जैसे आतंकवाद, अपराध और अशांति। इसमें सभी नागरिकों के लिए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है।

भारत-चीन सीमा समझौता -: भारत-चीन सीमा समझौता भारत और चीन के बीच साझा सीमा पर मुद्दों को प्रबंधित और हल करने के लिए समझौतों का एक सेट है। इसका उद्देश्य संघर्षों को रोकना और क्षेत्र में शांति बनाए रखना है।

पैंगोंग झील -: पैंगोंग झील हिमालय में स्थित एक उच्च-ऊंचाई वाली झील है, जो आंशिक रूप से भारत में और आंशिक रूप से चीन में है। इसकी रणनीतिक स्थिति के कारण यह दोनों देशों के बीच तनाव का बिंदु रही है।

सैनिक विघटन -: सैनिक विघटन का मतलब है कि दोनों पक्षों की सैन्य बलें संघर्ष क्षेत्र से पीछे हट रही हैं ताकि तनाव कम हो और टकराव से बचा जा सके। यह शांति और स्थिरता की दिशा में एक कदम है।

देपसांग और देमचोक -: देपसांग और देमचोक भारत-चीन सीमा के साथ क्षेत्र हैं जहां विवाद और तनाव रहे हैं। इन मुद्दों को शांति से हल करने के प्रयास जारी हैं।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री -: विक्रम मिस्री एक भारतीय राजनयिक हैं जिन्होंने विदेश सचिव के रूप में सेवा की है। वह भारत के विदेशी संबंधों का प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को संबोधित करने में शामिल हैं।
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