उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पी चिदंबरम की नई आपराधिक कानूनों पर टिप्पणी की आलोचना की

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पी चिदंबरम की नई आपराधिक कानूनों पर टिप्पणी की आलोचना की

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पी चिदंबरम की नई आपराधिक कानूनों पर टिप्पणी की आलोचना की

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कार्यक्रम में (फोटो/ X@VPIndia)

तिरुवनंतपुरम (केरल) [भारत], 6 जुलाई: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम द्वारा तीन नए आपराधिक कानूनों पर की गई टिप्पणी की निंदा की। चिदंबरम ने इन कानूनों को ‘पार्ट टाइमर्स’ द्वारा तैयार किया गया बताया था।

धनखड़ ने तिरुवनंतपुरम में भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (IIST) के 12वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए चिदंबरम की टिप्पणियों को ‘संसद की बुद्धिमत्ता का अक्षम्य अपमान’ कहा। उन्होंने पूछा, ‘क्या हम संसद में पार्ट टाइमर्स हैं?’ और इस तरह की कथाओं पर अपनी कड़ी असहमति व्यक्त की।

धनखड़ ने बताया कि हर सांसद को इन कानूनों पर बहस में योगदान देने का मौका मिला था, लेकिन चिदंबरम और अन्य विपक्षी नेताओं ने भाग नहीं लिया। उन्होंने चिदंबरम की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने अपने संवैधानिक कर्तव्य को पूरा नहीं किया और उनसे ‘अपमानजनक, मानहानिकारक और अत्यधिक अपमानजनक टिप्पणियों’ को वापस लेने का आग्रह किया।

तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, भारतीय न्याय संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, 1 जुलाई से प्रभावी हो गए। ये कानून 1860 के भारतीय दंड संहिता, 1973 के आपराधिक प्रक्रिया संहिता, और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बदलने का उद्देश्य रखते हैं। नए कानूनों में पिछले कानूनी ढांचे में कई बदलाव और जोड़ शामिल हैं।

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