2024 में भारत के विलय और अधिग्रहण सौदों में 66% की वृद्धि

2024 में भारत के विलय और अधिग्रहण सौदों में 66% की वृद्धि

2024 में भारत के M&A सौदों में 66% की वृद्धि

2024 के पहले नौ महीनों में, भारत में विलय और अधिग्रहण (M&A) सौदों का मूल्य 2023 की तुलना में 66% बढ़ गया है। यह वृद्धि वैश्विक 10% वृद्धि और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गिरावट के विपरीत है।

वृद्धि के प्रमुख कारण

भारत के M&A गतिविधियों को प्रौद्योगिकी, मीडिया, औद्योगिक और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों द्वारा प्रेरित किया जा रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल और अमेरिका और यूरोप के साथ भारत के बढ़ते संबंधों ने इस वृद्धि में योगदान दिया है।

क्षेत्रीय योगदान

प्रौद्योगिकी, मीडिया और दूरसंचार ने कुल सौदे के मूल्य का 40% हिस्सा लिया। औद्योगिक कंपनियों और स्वास्थ्य सेवा लक्ष्यों ने भी M&A परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भविष्य की दृष्टि

बीसीजी के प्रबंध निदेशक और भागीदार ध्रुव शाह ने कहा कि भारत की सौदा बनाने की दृष्टि मजबूत बनी हुई है, कंपनियां विकास के अवसरों की तलाश कर रही हैं और निवेशक पूंजी लगाने के लिए तैयार हैं।

वैश्विक चुनौतियाँ

वैश्विक स्तर पर, बढ़ती नियामक जांच सौदों की समयसीमा को प्रभावित कर रही है, जिससे कई सौदों को पूरा होने में अपेक्षा से अधिक समय लग रहा है।

Doubts Revealed


M&A -: M&A का मतलब Mergers and Acquisitions है। यह तब होता है जब दो कंपनियाँ मिलकर एक बन जाती हैं (merger) या जब एक कंपनी दूसरी को खरीद लेती है (acquisition)। इससे कंपनियों को बढ़ने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने में मदद मिलती है।

66% की वृद्धि -: 66% की वृद्धि का मतलब है कि भारत में M&A सौदों का मूल्य पहले की तुलना में 66% बढ़ गया है। यह एक बड़ी छलांग है, जो दिखाती है कि अधिक कंपनियाँ एक साथ जुड़ रही हैं या एक-दूसरे को खरीद रही हैं।

वैश्विक रुझान -: वैश्विक रुझान उन पैटर्न या आंदोलनों को संदर्भित करते हैं जो पूरी दुनिया में हो रहे हैं। इस संदर्भ में, इसका मतलब है कि विभिन्न देशों में M&A सौदे कैसे बदल रहे हैं।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र -: एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एशिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र के देश शामिल हैं, जैसे चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अन्य। यह दुनिया का एक बड़ा हिस्सा है जहाँ कई व्यवसाय संचालित होते हैं।

‘मेक इन इंडिया’ पहल -: ‘मेक इन इंडिया’ एक कार्यक्रम है जिसे भारतीय सरकार ने कंपनियों को भारत में अपने उत्पादों का निर्माण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया है। इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और नौकरियाँ पैदा करना है।

नियामक जांच -: नियामक जांच का मतलब है कि सरकार कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए बारीकी से देख रही है और जाँच कर रही है कि वे नियमों और कानूनों का पालन कर रही हैं। इससे यह प्रभावित हो सकता है कि कंपनियाँ कितनी आसानी से एक-दूसरे के साथ विलय कर सकती हैं या अधिग्रहण कर सकती हैं।

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