अगस्त 2024 में भारत के मुख्य उद्योगों में मिला-जुला विकास
अगस्त 2024 में, भारत के आठ मुख्य उद्योगों के संयुक्त सूचकांक (ICI) में पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 1.8% की गिरावट आई। यह सूचकांक आठ प्रमुख उद्योगों के प्रदर्शन को मापता है, जो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) का 40.27% हिस्सा बनाते हैं।
व्यक्तिगत उद्योगों का प्रदर्शन
उद्योग | वजन | अगस्त 2024 विकास | संचयी विकास (अप्रैल-अगस्त 2024-25) |
---|---|---|---|
कोयला | 10.33% | -8.1% | 6.5% |
कच्चा तेल | 8.98% | -3.4% | -1.7% |
प्राकृतिक गैस | 6.88% | -3.6% | 2.6% |
पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद | 28.04% | -1.0% | 1.7% |
उर्वरक | 2.63% | 3.2% | 1.7% |
इस्पात | 17.92% | 4.5% | 7.3% |
सीमेंट | 5.37% | -3.0% | 0.7% |
बिजली | 19.85% | -5.0% | 6.8% |
कुल मिलाकर, अप्रैल से अगस्त 2024-25 तक आठ मुख्य उद्योगों के सूचकांक की संचयी विकास दर पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 4.6% रही।
Doubts Revealed
कोर इंडस्ट्रीज -: कोर इंडस्ट्रीज मुख्य उद्योग होते हैं जो अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। भारत में, आठ ऐसे उद्योग हैं: कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट, और बिजली।
आठ कोर इंडस्ट्रीज का सूचकांक -: यह एक माप है जो दिखाता है कि भारत के आठ मुख्य उद्योग कैसे कर रहे हैं। यह अर्थव्यवस्था की स्थिति को समझने में मदद करता है।
नकारात्मक वृद्धि -: नकारात्मक वृद्धि का मतलब है कि किसी उद्योग का उत्पादन या आउटपुट पिछले समय अवधि की तुलना में कम हो गया है।
संचयी वृद्धि दर -: यह एक समय अवधि में कुल वृद्धि दर है। इस मामले में, यह अप्रैल से अगस्त 2024-25 तक है।
औद्योगिक उत्पादन का सूचकांक -: यह एक माप है जो भारत में उद्योगों के कुल उत्पादन को दिखाता है। आठ कोर इंडस्ट्रीज इस सूचकांक का एक बड़ा हिस्सा बनाते हैं।