भारत और अमेरिका मिलकर बनाएंगे जैवलिन मिसाइलें
अजीत दुबे द्वारा
नई दिल्ली, भारत – भारत और अमेरिका मिलकर जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलें बनाने पर चर्चा कर रहे हैं। यह चर्चा हाल ही में अमेरिका से हुई एक उच्च स्तरीय यात्रा के दौरान हुई, रक्षा सूत्रों के अनुसार।
भारत और अमेरिका मिलकर सैन्य उपकरण बनाने पर अधिक काम करने की कोशिश कर रहे हैं। भारतीय सेना को कई नई एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों (ATGMs) की आवश्यकता है और इसे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए इजरायली स्पाइक ATGMs को जल्दी से खरीदना पड़ा।
भारत लंबे समय से इन तीसरी पीढ़ी के ATGMs को प्राप्त करने की कोशिश कर रहा है लेकिन इसमें ज्यादा सफलता नहीं मिली है। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) भी अपने स्वयं के मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) पर काम कर रहा है और इसे जल्द ही परीक्षण करेगा।
भारतीय MPATGM प्रणाली को कई बार परीक्षण किया गया है ताकि यह दिखाया जा सके कि तकनीक कितनी अच्छी है। इसमें मिसाइल, एक लॉन्चर, एक लक्ष्य अधिग्रहण प्रणाली और एक फायर कंट्रोल यूनिट शामिल हैं। भारतीय सेना को कंधे पर ले जाने वाली मिसाइलें चाहिए जो कठिन इलाकों में हल्की और आसानी से ले जाई जा सकें।
जैवलिन मिसाइलें बनाने के लिए भारतीय साझेदार को बाद में चुना जाएगा, क्योंकि बातचीत अभी शुरू हुई है। अमेरिका ने पहले भी भारत को जैवलिन मिसाइलें दिखाई थीं, लेकिन यह परियोजना नहीं हो पाई। जैवलिन मिसाइलें अमेरिकी कंपनियों रेथियॉन और लॉकहीड मार्टिन द्वारा बनाई जाती हैं और इन्हें दुनिया भर में कई संघर्षों में इस्तेमाल किया गया है।