सिंगापुर के राष्ट्रपति थरमन शनमुगरत्नम को भारत में राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत मिला। अपनी यात्रा के दौरान, उन्होंने सिंगापुर और भारत के बीच मजबूत संबंधों को उजागर किया, जो 1965 में सिंगापुर की स्वतंत्रता के बाद से बढ़े हैं। दोनों देशों ने अपने संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी में उन्नत किया है, जिसकी घोषणा पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान की गई थी।
राष्ट्रपति शनमुगरत्नम ने दोनों देशों के बीच फलते-फूलते व्यापार और रक्षा संबंधों पर जोर दिया। सिंगापुर भारत में एक प्रमुख निवेशक रहा है, और दोनों देश स्थिरता और डिजिटल क्षेत्र में नई पहलों की खोज कर रहे हैं। GIFT सिटी और सिंगापुर के बीच एक संभावित डेटा कॉरिडोर पर विचार किया जा रहा है ताकि सुरक्षित डेटा आदान-प्रदान को सुगम बनाया जा सके।
राष्ट्रपति ने विशेष रूप से भारत के पूर्वी राज्यों जैसे असम और ओडिशा में भविष्य के सहयोग के प्रति आशावाद व्यक्त किया। सिंगापुर कौशल विकास पहलों में शामिल है और लॉजिस्टिक्स, पेट्रोकेमिकल्स और उन्नत विनिर्माण में अवसरों की खोज कर रहा है। ध्यान भारत में सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र और नेट जीरो औद्योगिक पार्कों के विकास पर भी है।
इसके अतिरिक्त, एयरोस्पेस क्षेत्र के लिए रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल संचालन पर सहयोग करने की योजनाएँ हैं। राष्ट्रपति शनमुगरत्नम की यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के बीच आगे के सहयोग के लिए फलदायी अवसरों की पहचान करना है।
थरमन शनमुगरत्नम सिंगापुर के राष्ट्रपति हैं, जो दक्षिण पूर्व एशिया में एक देश है। वह एक महत्वपूर्ण नेता हैं जो अपने देश के लिए निर्णय लेने में मदद करते हैं।
राष्ट्रपति भवन भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक निवास है। यह एक बड़ा और सुंदर भवन है जो नई दिल्ली, भारत की राजधानी में स्थित है।
व्यापक रणनीतिक साझेदारी दो देशों के बीच एक विशेष संबंध है जहाँ वे व्यापार, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों पर मिलकर काम करते हैं।
डेटा कॉरिडोर दो स्थानों या देशों के बीच डिजिटल जानकारी को सुरक्षित और कुशल तरीके से साझा करने का एक तरीका है। यह डेटा के तेज और सुरक्षित आदान-प्रदान में मदद करता है।
उन्नत विनिर्माण में नए प्रौद्योगिकियों और तरीकों का उपयोग करके उत्पादों को अधिक कुशलता से और बेहतर गुणवत्ता के साथ बनाना शामिल है। यह आधुनिक और उच्च-तकनीकी वस्तुओं के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।
एयरोस्पेस क्षेत्र अर्थव्यवस्था का वह हिस्सा है जो विमान और अंतरिक्ष यान के डिजाइन और उत्पादन से संबंधित है। इसमें हवाई जहाज, रॉकेट और उपग्रह बनाना शामिल है।
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