भारत और रूस मिलकर बनाएंगे नए परिवहन मार्ग और ऊर्जा समझौते
भारत और रूस ने नए परिवहन मार्गों पर मिलकर काम करने का निर्णय लिया है, जिसमें चेन्नई-व्लादिवोस्तोक पूर्वी समुद्री गलियारा और अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा शामिल हैं। वे ऊर्जा व्यापार, जिसमें कोयला और परमाणु ऊर्जा शामिल हैं, का भी अन्वेषण करेंगे और अंतरिक्ष और रक्षा में सहयोग को बढ़ावा देंगे।
परिवहन और लॉजिस्टिक्स
दोनों देश लॉजिस्टिक्स लिंक और बुनियादी ढांचे का विस्तार करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनका उद्देश्य माल परिवहन के समय और लागत को कम करना और यूरेशिया में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है। सहयोग पारदर्शिता, स्थानीय प्राथमिकताओं और संप्रभुता के सम्मान पर आधारित होगा।
ऊर्जा सहयोग
भारत और रूस ऊर्जा क्षेत्र में अपनी मजबूत साझेदारी जारी रखेंगे। वे ऊर्जा संसाधनों के लिए नए दीर्घकालिक अनुबंधों का अन्वेषण करेंगे और भारत को कोकिंग कोल और एंथ्रासाइट कोल की आपूर्ति बढ़ाएंगे।
क्षेत्रीय विकास
दोनों पक्ष रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक क्षेत्रों में व्यापार और निवेश को तीव्र करेंगे। उन्होंने 2024-2029 के लिए सहयोग कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए, जिसमें कृषि, ऊर्जा, खनन और अन्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
अंतरिक्ष और रक्षा
भारत और रूस अंतरिक्ष अन्वेषण में अपनी साझेदारी को बढ़ावा देंगे, जिसमें मानव अंतरिक्ष उड़ान और उपग्रह नेविगेशन शामिल हैं। वे संयुक्त अनुसंधान, विकास और रक्षा प्रौद्योगिकी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी मजबूत सैन्य सहयोग को भी जारी रखेंगे।