भारत में 2026 तक सभी स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए USB-C चार्जर अनिवार्य

भारत में 2026 तक सभी स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए USB-C चार्जर अनिवार्य

भारत में 2026 तक सभी स्मार्टफोन और लैपटॉप के लिए USB-C चार्जर अनिवार्य

भारत एक नया नियम लागू करने जा रहा है, जिसके तहत 2026 तक सभी स्मार्टफोन और लैपटॉप को USB-C चार्जर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। इस निर्णय का उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक कचरे को कम करना और उपयोगकर्ताओं के लिए एक सार्वभौमिक केबल के साथ अपने उपकरणों को चार्ज करना आसान बनाना है।

मुख्य विवरण

GSM एरिना की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्मार्टफोन निर्माताओं को जून 2025 तक USB-C में स्विच करना होगा, जबकि लैपटॉप को 2026 के अंत तक इसका पालन करना होगा। यह कदम यूरोपीय संघ में इस साल शुरू हुए समान नियमों का अनुसरण करता है।

USB-C क्यों?

उद्देश्य यह है कि सभी संगत उपकरणों के लिए एक ही प्रकार की चार्जिंग केबल का उपयोग सुनिश्चित किया जाए। इससे कई चार्जर और केबल की आवश्यकता कम होगी, जिससे उपयोगकर्ताओं के लिए यह आसान हो जाएगा और पर्यावरण को भी लाभ होगा क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक कचरे में कमी आएगी।

क्या शामिल है?

नया नियम स्मार्टफोन, टैबलेट, विंडोज लैपटॉप और मैकबुक सहित कई उपकरणों पर लागू होगा। हालांकि, छोटे एक्सेसरीज़ जैसे फिटनेस बैंड, स्मार्टवॉच, ईयरबड्स और बेसिक फीचर फोन इसमें शामिल नहीं हैं।

उद्योग की प्रतिक्रिया

हालांकि भारतीय संघ आईटी मंत्रालय ने अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है, रिपोर्टों के अनुसार उद्योग के नेताओं के साथ चर्चाएं सकारात्मक रही हैं। नए नियम से निर्माताओं के लिए उत्पादन प्रक्रियाओं को सरल बनाने और विभिन्न प्रकार के चार्जर और केबल बनाने से संबंधित लागत को कम करने की उम्मीद है।

पर्यावरणीय प्रभाव

इस पहल का उद्देश्य पुराने चार्जिंग तकनीकों से उत्पन्न होने वाले इलेक्ट्रॉनिक कचरे की मात्रा को कम करके पर्यावरणीय स्थिरता में योगदान देना है। जैसे-जैसे यह नियम आगे बढ़ेगा, तकनीकी उद्योग के हितधारक और उपभोक्ता दोनों नए USB-C मानक के अनुकूल हो जाएंगे, जिससे भारत में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक अधिक सहज और पर्यावरण के अनुकूल भविष्य का वादा किया जा रहा है।

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