विपक्ष ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को अव्यवहारिक बताया

विपक्ष ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को अव्यवहारिक बताया

विपक्ष ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को अव्यवहारिक बताया

नई दिल्ली, भारत – 18 सितंबर को विपक्षी दलों ने सरकार के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई, इसे अव्यवहारिक और अवास्तविक बताया। उन्होंने तर्क दिया कि यह प्रस्ताव देश के हित में नहीं है।

मुख्य विपक्षी आवाजें

डी राजा, सीपीआई नेता

डी राजा ने बताया कि कई विशेषज्ञ मानते हैं कि वर्तमान संविधान इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं करता। उन्होंने संसद में विस्तृत चर्चा और प्रस्ताव के परिणामों का गहन अध्ययन करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

जीतू पटवारी, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष

जीतू पटवारी ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि उनकी विचारधारा लोकतंत्र को नहीं अपनाती। उन्होंने पुष्टि की कि कांग्रेस पार्टी का ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर रुख सुसंगत रहेगा।

हरीश रावत, पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री

हरीश रावत ने केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय को एक दिखावा बताया और विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा की अनिवार्य हार की भविष्यवाणी की। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव के लिए कई संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता होगी, जिन्हें भाजपा अकेले संसद में पारित नहीं कर सकती।

टीएस सिंह देव, कांग्रेस नेता

टीएस सिंह देव ने तर्क दिया कि वर्तमान संविधान के तहत यह प्रस्ताव अव्यवहारिक है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर कोई सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले गिर जाती है तो एक साथ चुनाव कैसे कराए जाएंगे, और संवैधानिक संशोधनों की आवश्यकता पर जोर दिया।

संदीप पाठक, आप सांसद

संदीप पाठक ने सरकार की एक साथ चुनाव कराने की क्षमता पर सवाल उठाया और सुझाव दिया कि यह प्रस्ताव राज्यों को अस्थिर करने की योजना हो सकती है।

केटी रामा राव, बीआरएस नेता

केटी रामा राव ने कहा कि यह देखना होगा कि सरकार इस प्रस्ताव के साथ कैसे आगे बढ़ती है।

रविदास मल्होत्रा, समाजवादी पार्टी नेता

रविदास मल्होत्रा ने सुझाव दिया कि भाजपा को इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सभी दलों की बैठक बुलानी चाहिए।

सुप्रियो भट्टाचार्य, जेएमएम प्रवक्ता

सुप्रियो भट्टाचार्य ने चेतावनी दी कि यह प्रस्ताव देश को साम्राज्यवाद की ओर धकेलता है और संविधान पर हमला करता है।

सरकार का प्रस्ताव

आज सुबह, मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य 100 दिनों के भीतर लोकसभा और विधानसभा चुनावों के साथ-साथ शहरी निकाय और पंचायत चुनाव कराना है। यह प्रस्ताव पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट पर आधारित है और इसे संसद में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।

Doubts Revealed


विपक्ष -: राजनीति में, विपक्ष उन लोगों या पार्टियों का समूह होता है जो सत्ता में नहीं होते और अक्सर सत्तारूढ़ सरकार के निर्णयों को चुनौती देते हैं।

एक राष्ट्र, एक चुनाव -: यह एक प्रस्ताव है कि भारत में सभी चुनाव (जैसे लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए) एक ही समय पर कराए जाएं, बजाय अलग-अलग समय पर।

सीपीआई -: सीपीआई का मतलब भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी है, जो भारत की एक राजनीतिक पार्टी है।

डी राजा -: डी राजा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता हैं। वह भारतीय राजनीति में अपनी भूमिका के लिए जाने जाते हैं।

कांग्रेस -: कांग्रेस, या भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, भारत की सबसे पुरानी और प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है।

जीतू पटवारी -: जीतू पटवारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के एक राजनेता हैं।

हरीश रावत -: हरीश रावत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के एक और राजनेता हैं।

संवैधानिक चुनौतियाँ -: ये समस्याएँ या मुद्दे होते हैं जो एक प्रस्ताव या कार्रवाई संविधान के नियमों का पालन नहीं करने के कारण उत्पन्न होते हैं।

लोकसभा -: लोकसभा भारत की संसद का निचला सदन है, जहाँ सदस्य देश के लिए कानून और निर्णय बनाने के लिए चुने जाते हैं।

विधानसभा -: विधानसभा एक राज्य में चुने गए प्रतिनिधियों का समूह होता है जो उस राज्य के लिए कानून और निर्णय बनाते हैं।

शहरी निकाय -: शहरी निकाय शहरों और कस्बों में स्थानीय सरकार संगठन होते हैं जो पानी की आपूर्ति, सड़कें और स्कूल जैसी स्थानीय समस्याओं का प्रबंधन करते हैं।

पंचायतें -: पंचायतें गाँवों में स्थानीय सरकार निकाय होते हैं जो स्थानीय प्रशासन और विकास का प्रबंधन करते हैं।

मंत्रिमंडल -: मंत्रिमंडल वरिष्ठ सरकारी मंत्रियों का एक समूह होता है जिसे प्रधानमंत्री द्वारा देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करने के लिए चुना जाता है।

संसद -: संसद भारत की सर्वोच्च विधायी निकाय है, जिसमें राष्ट्रपति, लोकसभा और राज्यसभा शामिल होते हैं, जहाँ कानून बनाए और चर्चा की जाती है।

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