हरियाणा और दिल्ली में अवैध खनन गतिविधियों का पर्दाफाश
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा के दादम में अवैध खनन से संबंधित विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। ये छापेमारी दिल्ली और हरियाणा के हिसार, भिवानी, गुरुग्राम और पंचकुला में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई।
किसकी तलाशी ली गई?
गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स के साझेदारों और सहयोगियों के परिसरों की तलाशी ली गई। इसमें रविता, पंकज सिंह, जगत सिंह, संजय गुप्ता, सोमबीर सिंह और नवीन कुमार शामिल थे।
क्या मिला?
तलाशी के दौरान विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, 5 लाख रुपये नकद और 1.50 करोड़ रुपये की एक शानदार BMW कार जब्त की गई। इसके अलावा, फर्म के बैंक खाते में 41 लाख रुपये की राशि को फ्रीज कर दिया गया।
जांच क्यों?
जांच हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गोवर्धन माइंस एंड मिनरल्स के खिलाफ पर्यावरणीय शर्तों के उल्लंघन की शिकायत के आधार पर शुरू की गई थी। फर्म बड़े पैमाने पर अवैध और अवैज्ञानिक खनन में शामिल थी, जिससे महत्वपूर्ण पर्यावरणीय क्षति और वित्तीय नुकसान हुआ।
मुख्य व्यक्ति
वेदपाल सिंह तंवर, एक प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति, ने अवैध रूप से खनन अधिकार प्राप्त किए और अवैध खनन गतिविधियों का नेतृत्व किया। इन गतिविधियों से 56 करोड़ रुपये की अपराध की आय उत्पन्न हुई।
पिछली छापेमारी
पिछले साल 3 अगस्त को की गई तलाशी में आपत्तिजनक दस्तावेज, 3.7 करोड़ रुपये के आभूषण, 26.45 लाख रुपये नकद और 1 करोड़ रुपये की एक मर्सिडीज कार मिली थी। वेदपाल सिंह तंवर को इस साल 30 मई को गिरफ्तार किया गया था और वह वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं।