भारतीय वायुसेना ने 10 तपस ड्रोन खरीदने का प्रस्ताव रखा
भारतीय वायुसेना (IAF) ने केंद्र सरकार को 10 तपस ड्रोन खरीदने का प्रस्ताव दिया है ताकि बिना मानव के निगरानी क्षमताओं को बढ़ाया जा सके। इनमें से छह ड्रोन वायुसेना के लिए और चार भारतीय नौसेना के लिए होंगे।
विकास और निर्माण
तपस ड्रोन मध्यम-ऊंचाई, लंबी-धीरज वाले ड्रोन हैं जिन्हें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के एक संघ द्वारा निर्मित किया गया है।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की योजनाएं
हालांकि तपस ड्रोन ने पूरी तरह से रक्षा बलों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया है, सीमित संख्या में इन्हें शामिल करने से इन्हें उन्नत और परिष्कृत करने में मदद मिलेगी। वायुसेना, जो पहले से ही इजरायली मूल के ड्रोन संचालित करती है, उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर निगरानी के लिए तपस ड्रोन का उपयोग करेगी। भारतीय नौसेना इन्हें समुद्री निगरानी के लिए उपयोग करेगी।
मेक इन इंडिया का समर्थन
भारतीय वायुसेना मेक इन इंडिया पहल की एक मजबूत समर्थक रही है और स्वदेशी उपकरणों के लिए महत्वपूर्ण आदेश दिए हैं। पहले तपस ड्रोन के अनुबंध पर हस्ताक्षर के 24 महीनों के भीतर तैयार होने की उम्मीद है।
प्रदर्शन और परीक्षण
परीक्षणों के दौरान, तपस ड्रोन 28,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंचे और 18 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरी, हालांकि वे अभी तक 30,000 फीट की ऊंचाई पर 24 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने के लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाए हैं।