हैदराबाद में शांति बनाए रखने के लिए सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध

हैदराबाद में शांति बनाए रखने के लिए सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध

हैदराबाद पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लगाया

हैदराबाद शहर के पुलिस आयुक्त सीवी आनंद ने 27 अक्टूबर से एक महीने के लिए हैदराबाद में सार्वजनिक सभाओं, विरोध प्रदर्शनों और रैलियों पर प्रतिबंध की घोषणा की है। यह कदम भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत उठाया गया है ताकि सार्वजनिक व्यवस्था और शांति सुनिश्चित की जा सके।

इस आदेश के तहत पांच या अधिक लोगों की सभाओं, जुलूसों और किसी भी प्रकार के प्रतीकों या संदेशों के प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है जो अशांति पैदा कर सकते हैं। यह निर्णय विभिन्न संगठनों और पार्टियों द्वारा संभावित व्यवधानों की रिपोर्ट के बीच लिया गया है।

आयुक्त सीवी आनंद ने जोर देकर कहा कि शांतिपूर्ण विरोध केवल इंदिरा पार्क धरना चौक पर ही अनुमति है। अन्यत्र, विशेष रूप से सचिवालय जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के पास, विरोध या सभाओं की अनुमति नहीं है। उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ संबंधित कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।

Doubts Revealed


हैदराबाद -: हैदराबाद भारत का एक बड़ा शहर है, जो अपनी समृद्ध इतिहास और संस्कृति के लिए जाना जाता है। यह भारतीय राज्य तेलंगाना की राजधानी है।

पुलिस आयुक्त -: एक पुलिस आयुक्त एक वरिष्ठ अधिकारी होता है जो एक शहर में पुलिस बल का प्रभारी होता है। वे शहर को सुरक्षित रखने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।

सार्वजनिक सभाएँ -: सार्वजनिक सभाएँ तब होती हैं जब कई लोग एक स्थान पर एकत्र होते हैं, जैसे किसी बैठक, विरोध या उत्सव के लिए।

धारा 163 -: धारा 163 एक कानून का हिस्सा है जिसे भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 कहा जाता है, जो लोगों को सुरक्षित रखने और सार्वजनिक स्थानों पर व्यवस्था बनाए रखने में मदद करता है।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 -: यह भारत में नियमों और कानूनों का एक सेट है जो नागरिकों की सुरक्षा और समाज में व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है।

इंदिरा पार्क धरना चौक -: इंदिरा पार्क धरना चौक हैदराबाद में एक विशेष स्थान है जहाँ लोग शांतिपूर्ण विरोध और अपनी राय व्यक्त करने के लिए एकत्र हो सकते हैं।

कानूनी कार्रवाई -: कानूनी कार्रवाई का मतलब है कि अगर कोई कानून तोड़ता है, तो उसे अदालत में जाना पड़ सकता है या जुर्माना या जेल जैसी सजा का सामना करना पड़ सकता है।

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