अमित शाह ने असम, उत्तर प्रदेश और गुजरात में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश और गुजरात के मुख्यमंत्रियों से भी उनके राज्यों में बढ़ते जल स्तर के बारे में बात की।
शाह ने मुख्यमंत्रियों को केंद्रीय सहायता और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल से समर्थन प्रदान करने का आश्वासन दिया। उनकी सक्रिय भागीदारी असम बाढ़ और इसके परिणामस्वरूप बढ़ते जल स्तर से प्रभावित हजारों लोगों की मदद के लिए आई है।
असम में बाढ़ की स्थिति
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार मृतकों की संख्या 90 से अधिक हो गई है। 18 जिलों में 5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं, जिनमें कछार सबसे अधिक प्रभावित जिला है। प्रभावित जिलों में कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, गोलपारा, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, करीमगंज, माजुली, मोरीगांव, नागांव, नलबाड़ी और शिवसागर शामिल हैं।
52 राजस्व सर्किलों के तहत 1,342 गांव अभी भी पानी में डूबे हुए हैं, और बाढ़ के पानी ने 25,367.61 हेक्टेयर फसल क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। ब्रह्मपुत्र नदी नेमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है, जबकि बुरहिदिहिंग नदी चेनिमारी (कन्होवांग) में और डिसांग नदी नांगलामुराघाट में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। 13 जिलों में 172 राहत शिविरों और वितरण केंद्रों में 58,000 से अधिक लोग शरण ले रहे हैं, और 283,712 घरेलू जानवर भी प्रभावित हैं।
उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति
उत्तर प्रदेश में, विशेष रूप से पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में, लगातार बारिश के कारण कई नदियों के जल स्तर में वृद्धि हुई है, जिससे 900 से अधिक गांवों में लगभग 18 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। लगभग 18 जिलों, जिनमें आजमगढ़, मऊ, बलिया, पीलीभीत, शाहजहांपुर, कुशीनगर, श्रावस्ती, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, सीतापुर, गोंडा, सिद्धार्थ नगर, मुरादाबाद, बरेली और बस्ती शामिल हैं, प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
गुजरात में बाढ़ की स्थिति
गुजरात के वलसाड जिले में भारी बारिश ने कई निचले इलाकों को जलमग्न कर दिया है, और राष्ट्रीय राजमार्ग भी बाढ़ में डूब गया है। इन क्षेत्रों से पानी निकालने के लिए आपदा प्रकोष्ठों की टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, भारी बारिश के कारण मधुबन बांध का जल स्तर भी बढ़ गया है।