दिल्ली हाई कोर्ट ने मोहम्मद जलालुद्दीन को जमानत दी
मामले की पृष्ठभूमि
मोहम्मद जलालुद्दीन, जो उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामले में आरोपी हैं, को दिल्ली हाई कोर्ट ने जमानत दे दी है। ये दंगे फरवरी 2020 में हुए थे और जलालुद्दीन पर हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या और वजीराबाद मेन रोड पर पुलिसकर्मियों को घायल करने का आरोप था।
जमानत के विवरण
कोर्ट ने ट्रायल शुरू न होने के कारण जमानत दी, जबकि जलालुद्दीन 11 मार्च 2020 से हिरासत में थे। उन्हें 50,000 रुपये का जमानत बांड और समान राशि का श्योरिटी बांड देना होगा। कोर्ट ने यह भी नोट किया कि 28 में से 21 आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
कोर्ट की टिप्पणियाँ
न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह ने राज्य के हितों और आरोपी के अधिकारों के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। कोर्ट ने पाया कि जलालुद्दीन को अनिश्चितकाल के लिए जेल में रखना उनके भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अधिकारों का उल्लंघन होगा। जांच पूरी हो चुकी है और सात पूरक चार्जशीट दाखिल की गई हैं।
प्रस्तुत तर्क
जलालुद्दीन के वकील कार्तिक वेणु ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल दंगों का हिस्सा नहीं थे और उस समय प्रॉपर्टी ब्रोकर के रूप में काम कर रहे थे। विशेष लोक अभियोजक ने गवाहों के बयान और एक वीडियो सहित सबूत पेश किए, जिसमें जलालुद्दीन को भीड़ का हिस्सा बताया गया।
Doubts Revealed
दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय एक बड़ा भवन है जहाँ महत्वपूर्ण न्यायाधीश काम करते हैं। वे कानूनों के बारे में निर्णय लेते हैं और दिल्ली में बड़ी समस्याओं को हल करने में मदद करते हैं, जो भारत की राजधानी है।
जमानत -: जमानत एक वादा जैसा है जो कोई व्यक्ति अदालत को करता है। वे पैसे देते हैं यह दिखाने के लिए कि वे अपने मुकदमे के लिए वापस आएंगे और भागेंगे नहीं।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे -: उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगे 2020 में हुई हिंसक घटनाओं की एक श्रृंखला थी। दिल्ली के कुछ हिस्सों में लोग एक-दूसरे से लड़े, और यह एक बहुत गंभीर स्थिति थी।
मुकदमा -: मुकदमा अदालत में एक बड़ी बैठक जैसा है जहाँ लोग बात करते हैं कि क्या हुआ। न्यायाधीश दोनों पक्षों को सुनता है और निर्णय करता है कि क्या किसी ने कुछ गलत किया।
जमानत बांड -: जमानत बांड वह पैसा है जो कोई व्यक्ति अदालत को देता है। यह एक वादा है कि वे अपने मुकदमे के लिए वापस आएंगे।
न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह -: न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह दिल्ली उच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश हैं। न्यायाधीश महत्वपूर्ण लोग होते हैं जो कानूनी मामलों में यह तय करने में मदद करते हैं कि क्या सही और न्यायसंगत है।
अभियोजन -: अभियोजन उन लोगों का समूह है जो यह दिखाने की कोशिश करते हैं कि किसी ने कुछ गलत किया। वे सबूत इकट्ठा करते हैं और इसे अदालत में प्रस्तुत करते हैं।