सूरत CID ने पेयजल घोटाले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया
सरकारी अधिकारी और ठेकेदार शामिल
सूरत CID (अपराध) ने गुजरात में पेयजल परियोजनाओं से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। दस लोगों को, जिनमें सरकारी अधिकारी और ठेकेदार शामिल हैं, राज्य के धन का गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
सूरत CID (अपराध) के उप पुलिस अधीक्षक एएम कैप्टन ने खुलासा किया कि 94 परियोजनाओं में से 90 परियोजनाएं पूरी नहीं की गईं, लेकिन उनके लिए लगभग 9 करोड़ रुपये लिए गए। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों में गुजरात जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (GWSSB) के पांच ठेकेदार और पांच सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।
एएम कैप्टन ने बताया, “गुजरात सरकार की आदिवासी क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति की योजना के तहत पाइपलाइनों और बोरवेलों का निर्माण शामिल है। हालांकि, बिना किसी वास्तविक काम के धन का गबन किया गया। सतर्कता विभाग ने 94 ऐसे कार्यों की जांच की, जिनमें से 90 पूरे नहीं किए गए, लेकिन धन लिया गया।”
मुख्य आरोपी, नवसारी जिले के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर दलपत पटेल ने झूठे बिल और रिपोर्टों को मंजूरी देने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया। उन्होंने अपने सहयोगियों को लाभ पहुंचाने के लिए आधिकारिक निविदा नियमों का भी उल्लंघन किया। अदालत ने आरोपियों के लिए 9 दिन की पुलिस रिमांड मंजूर की है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में दलपत पटेल, राकेश पटेल, जगदीश परमार, नरेंद्र शाह, तेजल शाह, ज्योति शाह, शिल्पी राज, करीम पटेल, मोहम्मद नलवाला और धर्मेश पटेल शामिल हैं।
Doubts Revealed
सूरत CID -: सूरत CID का मतलब सूरत क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट है। ये विशेष पुलिस अधिकारी होते हैं जो सूरत, गुजरात, भारत में गंभीर अपराधों की जांच करते हैं।
गबन -: गबन का मतलब है उस पैसे को चुराना जिसे प्रबंधित करने के लिए आप पर भरोसा किया गया था। इस मामले में, लोगों ने पानी परियोजनाओं के लिए निर्धारित पैसे को खुद के लिए इस्तेमाल किया।
₹ 9 करोड़ -: ₹ 9 करोड़ भारतीय मुद्रा, रुपया में एक बड़ी राशि है। यह 90 मिलियन रुपये के बराबर है।
पेयजल परियोजनाएँ -: पेयजल परियोजनाएँ लोगों को पीने के लिए स्वच्छ पानी प्रदान करने की योजनाएँ हैं। ये परियोजनाएँ स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
दलपत पटेल -: दलपत पटेल इस मामले में मुख्य आरोपी व्यक्ति हैं। वह एक सरकारी अधिकारी हैं जिन्होंने नकली बिल और रिपोर्टों को मंजूरी देने के लिए अपने पद का उपयोग किया।
पुलिस रिमांड -: पुलिस रिमांड का मतलब है कि पुलिस आरोपी को कुछ दिनों के लिए हिरासत में रख सकती है ताकि उनसे पूछताछ कर सके और अधिक जानकारी जुटा सके।