पीएम मोदी ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्र मिशन की योजना की घोषणा की

पीएम मोदी ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्र मिशन की योजना की घोषणा की

पीएम मोदी ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्र मिशन की योजना की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत के पहले अंतरिक्ष स्टेशन, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (BAS), और 2040 तक एक मानवयुक्त चंद्र मिशन के विकास को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय गगनयान कार्यक्रम का विस्तार करता है, जिसका लक्ष्य 2035 तक एक आत्मनिर्भर अंतरिक्ष स्टेशन बनाना है।

मुख्य विशेषताएं

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गगनयान कार्यक्रम के दायरे को बढ़ाकर BAS की पहली इकाई के निर्माण को मंजूरी दी। पीएम मोदी ने इसे भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय बताया।

मंजूरी में BAS-1 के पहले मॉड्यूल का विकास और BAS के निर्माण और संचालन के लिए विभिन्न तकनीकों को प्रदर्शित और सत्यापित करने के मिशन शामिल हैं। गगनयान कार्यक्रम, जिसे दिसंबर 2018 में मंजूरी दी गई थी, का उद्देश्य मानव अंतरिक्ष उड़ान को निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में ले जाना और दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए नींव रखना है।

कार्यक्रम विवरण

मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम में दिसंबर 2028 तक आठ मिशन शामिल होंगे, जिसमें BAS-1 की पहली इकाई का प्रक्षेपण भी शामिल है। इसरो इस कार्यक्रम का नेतृत्व उद्योग, शिक्षा और अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों के सहयोग से करेगा।

कार्यक्रम दीर्घकालिक मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए महत्वपूर्ण तकनीकों का विकास और प्रदर्शन करेगा। चल रहे गगनयान कार्यक्रम के तहत 2026 तक चार मिशन किए जाएंगे, और BAS के पहले मॉड्यूल का विकास और प्रौद्योगिकी सत्यापन के लिए चार मिशन दिसंबर 2028 तक पूरे किए जाएंगे।

प्रभाव और वित्तपोषण

इस पहल से माइक्रोग्रैविटी-आधारित वैज्ञानिक अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा मिलेगा, जिससे तकनीकी नवाचार और उच्च-तकनीकी क्षेत्रों में रोजगार में वृद्धि होगी। गगनयान कार्यक्रम के लिए कुल वित्तपोषण को बढ़ाकर 20,193 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिसमें संशोधित दायरे के लिए अतिरिक्त 11,170 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

यह कार्यक्रम भारत के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने और माइक्रोग्रैविटी-आधारित अनुसंधान और विकास गतिविधियों में योगदान करने के लिए अद्वितीय अवसर प्रदान करेगा।

Doubts Revealed


पीएम मोदी -: पीएम मोदी भारत के प्रधानमंत्री हैं। वह सरकार के नेता हैं और देश के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं।

केंद्रीय मंत्रिमंडल -: केंद्रीय मंत्रिमंडल भारतीय सरकार के शीर्ष नेताओं का एक समूह है जो प्रधानमंत्री को बड़े निर्णय लेने में मदद करता है।

अंतरिक्ष स्टेशन -: अंतरिक्ष स्टेशन एक बड़ा अंतरिक्ष यान है जहाँ अंतरिक्ष यात्री लंबे समय तक अंतरिक्ष में रह सकते हैं और काम कर सकते हैं।

भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) -: भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (बीएएस) भारत का पहला अंतरिक्ष स्टेशन है जो अंतरिक्ष में बनाया जाएगा।

मानवयुक्त चंद्र मिशन -: मानवयुक्त चंद्र मिशन का मतलब है अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर भेजना ताकि वे अन्वेषण कर सकें और प्रयोग कर सकें।

2040 -: 2040 भविष्य का एक वर्ष है जब भारत चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है।

गगनयान कार्यक्रम -: गगनयान कार्यक्रम भारत की परियोजना है जिसमें अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा।

स्वयं-निर्भर -: स्वयं-निर्भर का मतलब है बिना बाहरी मदद के अपने आप काम करने में सक्षम होना।

इसरो -: इसरो का मतलब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन है। यह भारत की अंतरिक्ष एजेंसी है जो रॉकेट और उपग्रह बनाती और लॉन्च करती है।

शैक्षणिक क्षेत्र -: शैक्षणिक क्षेत्र का मतलब है स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय जहाँ लोग पढ़ाई और अनुसंधान करते हैं।

वैज्ञानिक अनुसंधान -: वैज्ञानिक अनुसंधान वह प्रक्रिया है जिसमें नई चीजें सीखने के लिए अध्ययन और प्रयोग किए जाते हैं।

प्रौद्योगिकी नवाचार -: प्रौद्योगिकी नवाचार का मतलब है समस्याओं को हल करने और जीवन को आसान बनाने के लिए नई और बेहतर तकनीक का निर्माण करना।

रोजगार -: रोजगार का मतलब है नौकरी या काम जो लोग पैसे कमाने के लिए करते हैं।

उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्र -: उच्च-प्रौद्योगिकी क्षेत्र वे उद्योग हैं जो उन्नत तकनीक का उपयोग करते हैं, जैसे कंप्यूटर, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक्स।

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