Site icon रिवील इंसाइड

SBI की रिपोर्ट: किसानों की मदद के लिए नए तरीके सुझाए, कानूनी MSP गारंटी नहीं

SBI की रिपोर्ट: किसानों की मदद के लिए नए तरीके सुझाए, कानूनी MSP गारंटी नहीं

SBI की रिपोर्ट: किसानों की मदद के लिए नए तरीके सुझाए, कानूनी MSP गारंटी नहीं

हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक रिपोर्ट ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी के बजाय किसानों की मदद के लिए वैकल्पिक तरीकों की सिफारिश की है। रिपोर्ट में किसानों को सीधे उपभोक्ताओं को बेचने में मदद करने के लिए अधिक कृषि बाजारों और गांव हाटों के विकास का सुझाव दिया गया है। इसमें वर्तमान MSP प्रणाली की चुनौतियों को भी उजागर किया गया है और फसल विविधीकरण और मूल्य कमी भुगतान प्रणाली जैसे समाधान प्रस्तावित किए गए हैं। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि कानूनी MSP गारंटी वित्तीय रूप से बोझिल हो सकती है और गैर-MSP फसलों की उपेक्षा कर सकती है।

मुख्य सिफारिशें

वर्तमान MSP प्रणाली की चुनौतियाँ

रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान MSP प्रणाली राजनीतिक हस्तक्षेप, निजी निवेश को हतोत्साहित करने और गैर-MSP फसलों की उपेक्षा जैसी समस्याओं का सामना कर रही है। इसमें कानूनी MSP गारंटी के संभावित वित्तीय बोझ का भी उल्लेख किया गया है, जो FY24 में लगभग 13.5 लाख करोड़ रुपये हो सकता है।

सरकारी खरीद पर डेटा

रिपोर्ट में सरकारी खरीद पर डेटा प्रदान किया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि 22 फसलों के लिए MSP में 100% से अधिक की वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार मुख्य रूप से गेहूं और धान की खरीद करती है। उदाहरण के लिए, पंजाब में 92.8% धान और हरियाणा में 73.6% धान की खरीद सरकार द्वारा की जाती है।

कृषि ऋण माफी

रिपोर्ट में कृषि ऋण माफी के मुद्दे को भी संबोधित किया गया है, जिसमें कहा गया है कि यह कृषि ऋण संस्कृति को विकृत करता है और दीर्घकालिक स्थिरता को कमजोर करता है।

Exit mobile version