नेपाल की सरकार गिरी, सीपीएन-यूएमएल मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
काठमांडू, नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल, जिन्हें प्रचंड के नाम से भी जाना जाता है, की सरकार एक बड़े राजनीतिक बदलाव के बाद गिर गई है। नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल), जो एक प्रमुख सहयोगी थी, ने अपना समर्थन वापस ले लिया और उसके सभी आठ मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया।
राजनीतिक नाटक
सीपीएन-यूएमएल ने प्रधानमंत्री दहल को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था कि वे ‘सम्मानजनक निकास’ के रूप में इस्तीफा दें। जब दहल ने इस्तीफा नहीं दिया, तो मंत्रियों ने बालुवाटार स्थित उनके निवास पर अपने इस्तीफे सौंप दिए।
नई सरकार का गठन
सीपीएन-यूएमएल और नेपाली कांग्रेस ने नई सरकार बनाने पर सहमति जताई है। सीपीएन-यूएमएल के केपी शर्मा ओली डेढ़ साल के लिए नेतृत्व करेंगे, इसके बाद नेपाली कांग्रेस के पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा शेष कार्यकाल के लिए नेतृत्व करेंगे।
विश्वास मत और समझौता
दहल ने 30 दिनों के भीतर संसद में विश्वास मत का सामना करने का निर्णय लिया है। इस बीच, नेपाली कांग्रेस ने नए गठबंधन समझौते का समर्थन किया है, जिसमें संविधान में संशोधन और शासन में सुधार की योजनाएं शामिल हैं।
अगले कदम
पूर्व मुख्य न्यायाधीश कल्याण श्रेष्ठ की अध्यक्षता में एक समिति चुनाव प्रक्रियाओं और संविधान में संशोधन का सुझाव देगी। उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय सभा के अध्यक्ष बनेंगे। नेताओं ने राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल को नए गठबंधन और धारा 76 (2) के सक्रियण के बारे में सूचित किया है ताकि दहल विश्वास मत में विफल होने पर नई सरकार बनाई जा सके।