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जर्मन राजदूत ने नई दिल्ली में इंडो-जर्मन आधुनिकता का जश्न मनाया

जर्मन राजदूत ने नई दिल्ली में इंडो-जर्मन आधुनिकता का जश्न मनाया

जर्मन राजदूत ने इंडो-जर्मन आधुनिकता का जश्न मनाया

नई दिल्ली में विशेष प्रदर्शनी

16 अक्टूबर को, भारत में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने नई दिल्ली में ‘एकार्ट मुथेसियस और माणिक बाग – भारत में अग्रणी आधुनिकता’ नामक विशेष प्रदर्शनी में भाग लिया। इस प्रदर्शनी का आयोजन बर्लिन के म्यूजियम फ्यूर एशियाटिशे कुन्स्ट के प्रमुख राफेल डेडो गाडेबुश द्वारा किया गया है, जो कला, डिज़ाइन और वास्तुकला में इंडो-जर्मन संबंधों के समृद्ध इतिहास को उजागर करता है।

एक अनोखे सहयोग का जश्न

यह प्रदर्शनी जर्मन वास्तुकार एकार्ट मुथेसियस की 120वीं जयंती को चिह्नित करती है और 1930 के दशक में इंदौर के महाराजा यशवंत राव होलकर द्वितीय के साथ उनके सहयोग को प्रदर्शित करती है। उन्होंने मिलकर भारत का पहला आधुनिकतावादी महल, माणिक बाग, बनाया, जो अंतरराष्ट्रीय आधुनिकता का प्रतीक है।

सांस्कृतिक आदान-प्रदान का महत्व

राजदूत एकरमैन ने सांस्कृतिक आदान-प्रदान के महत्व पर जोर देते हुए कहा, ‘माणिक बाग प्रदर्शनी एक युवा महाराजा और एक प्रतिभाशाली जर्मन वास्तुकार की अद्भुत कहानी बताती है, जिनके साहसी और प्रगतिशील सहयोग ने एक असाधारण आधुनिकतावादी महल का निर्माण किया।’

प्रदर्शनी का विवरण

प्रदर्शनी में मुथेसियस द्वारा दुर्लभ विंटेज फोटोग्राफ, जलरंग, चित्र और डिज़ाइन अध्ययन शामिल हैं। यह बर्लिन के म्यूजियम फ्यूर एशियाटिशे कुन्स्ट और नई दिल्ली के किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट के बीच सहयोग की शुरुआत को भी चिह्नित करता है, जिसका उद्देश्य भारत और जर्मनी के बीच सांस्कृतिक संबंधों को गहरा करना है।

प्रदर्शनी का दौरा करें

यह प्रदर्शनी 8 दिसंबर तक खुली है, जो आधुनिकतावादी डिज़ाइन और भारतीय विरासत में इंडो-जर्मन सहयोग की सुंदरता की झलक प्रदान करती है।

Doubts Revealed


जर्मन राजदूत -: एक जर्मन राजदूत वह व्यक्ति होता है जो जर्मनी का प्रतिनिधित्व किसी अन्य देश में करता है, इस मामले में भारत में। वे जर्मनी और जिस देश में वे हैं, उसके बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए काम करते हैं।

फिलिप एकरमैन -: फिलिप एकरमैन भारत में जर्मन राजदूत का नाम है। वह एक राजनयिक हैं जो जर्मनी और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करते हैं।

इंडो-जर्मन आधुनिकता -: इंडो-जर्मन आधुनिकता कला, डिज़ाइन, और वास्तुकला की एक शैली को संदर्भित करती है जो भारतीय और जर्मन संस्कृतियों के तत्वों को मिलाती है। यह इन दो संस्कृतियों को मिलाकर नए और आधुनिक विचारों को बनाने के बारे में है।

माणिक बाग -: माणिक बाग भारत में एक महल है जिसे आधुनिक शैली में डिज़ाइन किया गया था। यह एक जर्मन वास्तुकार और एक भारतीय महाराजा के सहयोग का परिणाम था।

एकार्ट मुथेसियस -: एकार्ट मुथेसियस एक जर्मन वास्तुकार थे जो अपनी आधुनिकतावादी डिज़ाइनों के लिए जाने जाते थे। उन्होंने भारत में माणिक बाग महल पर काम किया, जो अपनी अनूठी शैली के लिए प्रसिद्ध है।

महाराजा यशवंत राव होलकर द्वितीय -: महाराजा यशवंत राव होलकर द्वितीय एक भारतीय राजा थे जो भारत के एक क्षेत्र पर शासन करते थे। उन्होंने एकार्ट मुथेसियस के साथ मिलकर आधुनिकतावादी माणिक बाग महल का निर्माण किया।

म्यूजियम फ्यूर एशियाटिशे कुन्स्ट -: म्यूजियम फ्यूर एशियाटिशे कुन्स्ट बर्लिन, जर्मनी में एक संग्रहालय है। यह एशियाई कला पर केंद्रित है और अब इस प्रदर्शनी के लिए एक भारतीय संग्रहालय के साथ साझेदारी कर रहा है।

किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट -: किरण नादर म्यूजियम ऑफ आर्ट नई दिल्ली, भारत में एक संग्रहालय है। यह आधुनिक और समकालीन कला को प्रदर्शित करता है और इस प्रदर्शनी के लिए जर्मन संग्रहालय के साथ सहयोग कर रहा है।
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