भारत में टेक बूम: एआई और साइबर सुरक्षा में उच्च वेतन और अधिक नौकरियां
नई दिल्ली, 27 अगस्त: भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) पारंपरिक आईटी सेवाओं की तुलना में 20% तक अधिक वेतन दे रहे हैं। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), और साइबर सुरक्षा में निवेश के कारण हो रहा है, जैसा कि TeamLease Digital की नवीनतम रिपोर्ट ‘डिजिटल स्किल्स और सैलरी प्राइमर फॉर FY 2025’ में बताया गया है।
GCCs का विकास
भारत में वर्तमान में 1,600 से अधिक GCCs हैं जो 1.66 मिलियन पेशेवरों को रोजगार देते हैं। अगले 5-6 वर्षों में देश में 800 नए GCCs की उम्मीद है, जिससे यह एक वैश्विक टेक हब बन जाएगा। GCCs कोलकाता, अहमदाबाद और वडोदरा जैसे टियर-II शहरों में भी विस्तार कर रहे हैं।
आईटी क्षेत्र का विकास
आईटी उत्पाद और सेवाओं के क्षेत्र में, अगले पांच वर्षों में क्लाउड निवेश में 25-30% की वृद्धि होने की उम्मीद है। यह क्षेत्र 2026 तक भारत के GDP में 8% का योगदान देगा और 14 मिलियन नौकरियां पैदा करेगा। टेलीकॉम, मीडिया, BFSI, और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में 70% से अधिक कंपनियां अपनी तकनीकी बजट का 20% से अधिक डिजिटल उन्नति पर खर्च कर रही हैं।
वेतन अंतर्दृष्टि
GCCs में AI/ML इंजीनियर की भूमिकाएं 8.2 लाख प्रति वर्ष से शुरू होती हैं और वरिष्ठ पदों के लिए 43 लाख प्रति वर्ष तक पहुंच सकती हैं। आईटी उत्पाद और सेवाओं में बिग डेटा डेवलपर्स 9.7 लाख से 20.7 लाख प्रति वर्ष कमा सकते हैं। गैर-तकनीकी क्षेत्रों में SAP ABAP कंसल्टेंट की भूमिकाएं 7.2 लाख प्रति वर्ष से शुरू होती हैं और अनुभव के साथ 31 लाख प्रति वर्ष तक बढ़ सकती हैं।
शहर-वार वेतन विश्लेषण
बेंगलुरु, गुड़गांव, हैदराबाद, दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे मेट्रो शहरों में तकनीकी भूमिकाओं के लिए सबसे अधिक वेतन मिलता है। जयपुर, इंदौर और कोयंबटूर जैसे उभरते हब डेटा साइंस, प्रोडक्ट मैनेजमेंट और डेटा इंजीनियरिंग में अभी भी विकसित हो रहे हैं।
भविष्य की प्रक्षेपण
TeamLease Digital की CEO नीती शर्मा ने कहा कि भारतीय टेक उद्योग 2025 तक 350 बिलियन अमेरिकी डॉलर के राजस्व तक पहुंचने की राह पर है। 2023 में AI, मशीन लर्निंग और ब्लॉकचेन में महत्वपूर्ण निवेश 9 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। क्लाउड बाजार अगले पांच वर्षों में 22% की CAGR से बढ़ने की उम्मीद है, जो रिमोट वर्क और डिजिटल-फर्स्ट रणनीतियों द्वारा प्रेरित है।
लिंग प्रतिनिधित्व
भारत में 20.5 लाख महिला टेक पेशेवर हैं, और GCCs में महिलाओं का प्रतिशत 2027 तक 25% से बढ़कर 35% होने की उम्मीद है। हालांकि, एक लिंग वेतन अंतर बना हुआ है, जो औसतन 10-17% है और कभी-कभी डेटा विश्लेषण जैसी भूमिकाओं के लिए 22-30% तक पहुंच जाता है।
Doubts Revealed
Global Capability Centers (GCCs) -: GCCs वे कार्यालय हैं जो दुनिया भर की बड़ी कंपनियों द्वारा भारत में स्थापित किए जाते हैं ताकि महत्वपूर्ण कार्य जैसे तकनीकी विकास और ग्राहक समर्थन किया जा सके।
AI -: AI का मतलब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। यह कंप्यूटर को इंसानों की तरह सोचने और निर्णय लेने की क्षमता सिखाने जैसा है।
ML -: ML का मतलब मशीन लर्निंग है। यह एक तरीका है जिससे कंप्यूटर डेटा से सीखते हैं और समय के साथ अपने प्रदर्शन में सुधार करते हैं बिना स्पष्ट रूप से प्रोग्राम किए।
cybersecurity -: साइबरसुरक्षा का मतलब कंप्यूटर और नेटवर्क को उन बुरे लोगों से बचाना है जो जानकारी चुराने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं।
GDP -: GDP का मतलब ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट है। यह एक वर्ष में किसी देश में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य है।
tier-II cities -: टियर-II शहर भारत के छोटे शहर हैं जो तेजी से बढ़ रहे हैं और व्यापार और तकनीक के लिए महत्वपूर्ण बन रहे हैं।
gender pay gap -: जेंडर पे गैप का मतलब है कि पुरुषों और महिलाओं को समान काम के लिए समान वेतन नहीं मिलता। इस मामले में, इसका मतलब है कि तकनीक में महिलाएं पुरुषों से कम वेतन पाती हैं।