यूनाइटेड किंगडम के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हाल ही में मुंबई, भारत का दौरा किया, जहां उन्होंने टेनिस बॉल क्रिकेट का आनंद लिया। सुनक ने सोशल मीडिया पर अपनी इस यात्रा का अनुभव साझा किया और कहा कि मुंबई की यात्रा बिना क्रिकेट के अधूरी है।
क्रिकेट मैच से पहले, सुनक ने अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति और उनके माता-पिता सुधा और नारायण मूर्ति के साथ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लिया। इस फेस्टिवल में कई रोचक चर्चाएं हुईं, जिनमें एक मां और बेटी के बीच उनके जीवन के चुनाव और अनुभवों पर चर्चा शामिल थी।
ऋषि सुनक ने 25 अक्टूबर 2022 से 5 जुलाई 2024 तक यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री के रूप में सेवा की। इससे पहले, उन्होंने चांसलर ऑफ द एक्सचेकर और चीफ सेक्रेटरी टू द ट्रेजरी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। सुनक का राजनीतिक करियर मई 2015 में कंजरवेटिव सांसद के रूप में रिचमंड से चुने जाने के साथ शुरू हुआ।
राजनीति में आने से पहले, सुनक ने व्यवसाय और वित्त में एक सफल करियर बनाया और एक निवेश फर्म की सह-स्थापना की। उन्होंने विनचेस्टर कॉलेज, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में फुलब्राइट स्कॉलर के रूप में एमबीए किया।
ऋषि सुनक एक ब्रिटिश राजनेता हैं जो कभी यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री थे। उन्होंने राजनीति में आने से पहले व्यापार और वित्त में भी काम किया है।
मुंबई भारत का एक बड़ा शहर है, जो देश की वित्तीय राजधानी और बॉलीवुड, भारतीय फिल्म उद्योग का घर होने के लिए जाना जाता है।
जयपुर साहित्य महोत्सव भारत में एक प्रसिद्ध कार्यक्रम है जहाँ लेखक, विचारक और पाठक किताबों और विचारों पर चर्चा करने के लिए इकट्ठा होते हैं। यह राजस्थान के जयपुर शहर में होता है।
चांसलर ऑफ द एक्सचेकर यूके सरकार में एक उच्च-स्तरीय अधिकारी होता है जो आर्थिक और वित्तीय मामलों के लिए जिम्मेदार होता है, जो भारत में वित्त मंत्री के समान होता है।
विंचेस्टर कॉलेज इंग्लैंड का एक प्रसिद्ध और ऐतिहासिक स्कूल है जहाँ ऋषि सुनक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय दुनिया के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, जो इंग्लैंड में स्थित है। ऋषि सुनक ने अपनी उच्च शिक्षा वहाँ प्राप्त की।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका का एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय है, जो व्यापार और प्रौद्योगिकी में अपने मजबूत कार्यक्रमों के लिए जाना जाता है। ऋषि सुनक ने वहाँ भी अध्ययन किया।
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