भारत के त्योहारों से अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा, 50,000 करोड़ का व्यापार

भारत के त्योहारों से अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा, 50,000 करोड़ का व्यापार

भारत के त्योहारों से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

उत्सव और आर्थिक प्रभाव

भारत में त्योहारों का मौसम शुरू हो गया है, जिसमें नवरात्रि, रामलीला, गरबा और डांडिया जैसे प्रमुख उत्सव शामिल हैं। अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के अनुसार, ये आयोजन देशभर में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार उत्पन्न करेंगे। अकेले दिल्ली में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का योगदान होने की उम्मीद है, क्योंकि बाजारों में उपभोक्ता गतिविधि में वृद्धि की संभावना है।

भारतीय उत्पादों पर ध्यान केंद्रित

CAIT के महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने भारतीय निर्मित उत्पादों की ओर बढ़ते रुझान को उजागर किया, जिसमें चीनी वस्तुओं के प्रति रुचि में कमी आई है। यह बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों के कारण हुआ है, जिन्होंने भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाया है।

देशव्यापी उत्सव और रोजगार

देशभर में 1 लाख से अधिक धार्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करेंगे। नवरात्रि, रामलीला, गरबा और डांडिया जैसे प्रमुख उत्सवों के बाद विजयदशमी, दुर्गा विसर्जन, दिवाली, छठ पूजा और अन्य उत्सव मनाए जाएंगे।

दिल्ली के उत्सव गतिविधियाँ

दिल्ली में 1,000 से अधिक रामलीलाएं और कई दुर्गा पूजा पंडाल आयोजित किए जाएंगे। गरबा और डांडिया, जो परंपरागत रूप से गुजरात में मनाए जाते हैं, देशभर में, विशेष रूप से दिल्ली में, भागीदारी देखेंगे।

त्योहारों के सामान की बढ़ती मांग

पारंपरिक कपड़े, पूजा सामग्री, मिठाई और सजावटी वस्तुओं की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। लोकप्रिय मिठाइयों में हलवा, लड्डू और बर्फी शामिल हैं, जबकि फलों और फूलों की भी उच्च मांग है। घर और पूजा पंडाल सजावट के लिए दीये, तोरण और रंगोली सामग्री जैसी सजावटी वस्तुएं भी मांगी जा रही हैं।

व्यापार के अवसर

तंबू घर और सजावट कंपनियों को बड़े पैमाने पर मेलों और त्योहार से संबंधित आयोजनों से लाभ होने की उम्मीद है, जो लाखों प्रतिभागियों को आकर्षित करेंगे।

Doubts Revealed


₹ 50,000 करोड़ -: ₹ 50,000 करोड़ बहुत बड़ी राशि है। भारत में ‘₹’ का मतलब रुपये होता है, जो यहाँ की मुद्रा है। करोड़ का मतलब दस मिलियन होता है, इसलिए ₹ 50,000 करोड़ का मतलब 500 बिलियन रुपये होता है।

नवरात्रि -: नवरात्रि एक हिंदू त्योहार है जो नौ रातों तक चलता है। इसे नृत्य, संगीत और उपवास के साथ मनाया जाता है और देवी दुर्गा की पूजा की जाती है।

रामलीला -: रामलीला एक पारंपरिक नाटक है जो भगवान राम के जीवन को दर्शाता है। यह दशहरा के त्योहार के दौरान किया जाता है और भारत में बहुत लोकप्रिय है।

गरबा और डांडिया -: गरबा और डांडिया पारंपरिक भारतीय नृत्य हैं। इन्हें नवरात्रि के त्योहार के दौरान किया जाता है, विशेष रूप से गुजरात राज्य में।

वोकल फॉर लोकल -: वोकल फॉर लोकल भारत में एक पहल है जो लोगों को भारत में बने उत्पाद खरीदने के लिए प्रोत्साहित करती है। इसका उद्देश्य स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करना और भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।

आत्मनिर्भर भारत -: आत्मनिर्भर भारत का मतलब ‘स्वावलंबी भारत’ है। यह भारतीय सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है जो भारत को अधिक आत्मनिर्भर बनाने और अन्य देशों पर निर्भरता कम करने के लिए है।

टेंट हाउस -: टेंट हाउस वे व्यवसाय हैं जो कार्यक्रमों के लिए टेंट और अन्य उपकरण प्रदान करते हैं। वे बड़ी सभाओं जैसे शादियों और त्योहारों के आयोजन के लिए महत्वपूर्ण होते हैं।

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