एस जयशंकर कतर यात्रा: भारत-कतर संबंधों को मजबूत करने पर जोर
विदेश मंत्री एस जयशंकर 30 जून को कतर की यात्रा करेंगे। इस दौरान वे कतर के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात करेंगे।
ऐतिहासिक संबंध
भारत और कतर के बीच लंबे समय से मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जो उच्च स्तरीय यात्राओं से चिह्नित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2024 में कतर का दौरा किया था और कतर के अमीर, एच.एच. शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ चर्चा की थी।
यात्रा का फोकस
जयशंकर की यात्रा का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करना है, जिसमें राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, सांस्कृतिक और जन-से-जन संबंध शामिल हैं, साथ ही क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा होगी।
निवेश पर संयुक्त कार्य बल
जून की शुरुआत में, भारत और कतर के बीच निवेश पर संयुक्त कार्य बल (JTFI) की पहली बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। इस बैठक का उद्देश्य दोनों देशों के बीच निवेश सहयोग को मजबूत करना था। इस कार्य बल की सह-अध्यक्षता आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ और कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अवर सचिव मोहम्मद बिन हसन अल-मल्की ने की थी।
कार्य बल ने दोनों देशों की द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और बुनियादी ढांचे, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे विविध क्षेत्रों में विकास, निवेश के अवसरों और सहयोग के लिए सामूहिक क्षमता का लाभ उठाने की प्रतिबद्धता को पुनः पुष्टि की।
हाल की उच्च स्तरीय बैठकें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के दौरान कतर के अमीर, शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की। उन्होंने द्विपक्षीय साझेदारी और कतर में भारतीय समुदाय की भलाई पर चर्चा की।