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दिल्ली हाई कोर्ट ने समीर महेंद्रू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली हाई कोर्ट ने समीर महेंद्रू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली हाई कोर्ट ने समीर महेंद्रू की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी समीर महेंद्रू की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा।

महेंद्रू के वकील की दलीलें

महेंद्रू का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता ध्रुव गुप्ता ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किल 22 महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं। उन्होंने बताया कि एक अन्य आरोपी, मनीष सिसोदिया, को 17 महीने की हिरासत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी थी। गुप्ता ने तर्क दिया कि महेंद्रू का मामला जमानत के लिए और भी मजबूत है और सिसोदिया के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया, जिसमें देरी को जमानत का वैध आधार माना गया था। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि महेंद्रू कोई राजनेता नहीं हैं और लंबे समय से हिरासत में हैं, जिसमें अंतरिम जमानत का समय भी शामिल है।

प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें

प्रवर्तन निदेशालय के वकील ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि आर्थिक अपराधों में देरी जमानत का वैध कारण नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि महेंद्रू को पहले उनकी पत्नी की स्वास्थ्य स्थिति के कारण अंतरिम जमानत दी गई थी, लेकिन बाद में इसे खारिज कर दिया गया।

पृष्ठभूमि

समीर महेंद्रू को प्रवर्तन निदेशालय ने 28 सितंबर, 2022 को दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इस मामले में अन्य आरोपियों में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, आप सांसद संजय सिंह और बीआरएस नेता के कविता शामिल हैं।

Doubts Revealed


दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली, भारत में एक बड़ा न्यायालय है, जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।

आरक्षित आदेश -: जब एक न्यायालय ‘आरक्षित आदेश’ करता है, तो इसका मतलब है कि न्यायाधीश मामले पर विचार करेंगे और बाद में निर्णय देंगे।

समीर महेन्द्रु -: समीर महेन्द्रु एक व्यक्ति है जिसे पैसे के साथ कुछ गलत करने का आरोप है, जिसे मनी लॉन्ड्रिंग कहा जाता है।

जमानत याचिका -: जमानत याचिका तब होती है जब कोई व्यक्ति न्यायालय से अनुरोध करता है कि उन्हें मुकदमे की प्रतीक्षा के दौरान जेल से बाहर जाने दिया जाए।

मनी लॉन्ड्रिंग -: मनी लॉन्ड्रिंग तब होती है जब लोग यह छिपाने की कोशिश करते हैं कि उनका पैसा कहाँ से आया, आमतौर पर क्योंकि यह अवैध तरीकों से कमाया गया था।

दिल्ली आबकारी नीति -: दिल्ली आबकारी नीति उन नियमों का सेट है जो दिल्ली में शराब कैसे बेची और कर लगाई जाती है, के बारे में है।

हिरासत -: हिरासत का मतलब है जेल में या पुलिस की निगरानी में रखा जाना।

मनीष सिसोदिया -: मनीष सिसोदिया एक और व्यक्ति है जिसे उसी मामले में आरोपित किया गया था लेकिन उन्हें पहले जेल से बाहर जाने दिया गया।

प्रवर्तन निदेशालय -: प्रवर्तन निदेशालय भारत में एक सरकारी एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग जैसे वित्तीय अपराधों की जांच करती है।

आर्थिक अपराध -: आर्थिक अपराध वे अपराध हैं जो पैसे से जुड़े होते हैं, जैसे चोरी या पैसे के साथ धोखाधड़ी।

28 सितंबर, 2022 -: यह वह तारीख है जब समीर महेन्द्रु को गिरफ्तार किया गया और जेल में डाला गया।
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