Site icon रिवील इंसाइड

दिल्ली हाई कोर्ट ने अमित अरोड़ा और अमनदीप ढल्ल को जमानत दी

दिल्ली हाई कोर्ट ने अमित अरोड़ा और अमनदीप ढल्ल को जमानत दी

दिल्ली हाई कोर्ट ने अमित अरोड़ा और अमनदीप ढल्ल को जमानत दी

दिल्ली हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) से जुड़े मामले में व्यवसायी अमित अरोड़ा और अमनदीप ढल्ल को नियमित जमानत दी है। इस फैसले के बाद इस मामले में सभी आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।

मामले के प्रमुख व्यक्ति

अमित अरोड़ा, जो गुरुग्राम स्थित बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं, और अमनदीप सिंह ढल्ल, जो दिल्ली स्थित ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं, इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रमुख व्यक्ति रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनके वित्तीय लेन-देन की जांच कर रहा है।

कानूनी कार्यवाही

अमित अरोड़ा को पहले चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत दी गई थी, और हालिया निर्णय ने इस अंतरिम राहत को नियमित जमानत में बदल दिया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की संबंधित जांच में, अरोड़ा को गिरफ्तार नहीं किया गया था, और उनके खिलाफ चार्जशीट बिना हिरासत में लिए दाखिल की गई थी।

अमनदीप ढल्ल की जमानत याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने 3 सितंबर, 2024 को सुरक्षित रखा था। उनके खिलाफ एक अलग CBI मामले में जमानत की समीक्षा वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा की जा रही है। इससे पहले, जून 2024 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने CBI मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।

तर्क और आरोप

वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन, जो ढल्ल का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, ने समानता के आधार पर जमानत की मांग की, यह तर्क देते हुए कि इसी मामले में अन्य व्यक्तियों को जमानत दी गई है। हालांकि, ED का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विवेक गुर्नानी ने जमानत याचिका का विरोध किया, यह आरोप लगाते हुए कि ढल्ल ने गवाहों को प्रभावित किया और हिरासत में रहते हुए जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया।

ढल्ल को 1 मार्च, 2023 को ED द्वारा PMLA के तहत गिरफ्तार किया गया था। ED ने आरोप लगाया कि ढल्ल और अन्य लोग शराब नीति के निर्माण में शामिल थे और आम आदमी पार्टी (AAP) को किकबैक देने में मदद कर रहे थे। ED और CBI दोनों ने शराब नीति में अनियमितताओं का दावा किया, जिसमें लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ और खातों को गलत तरीके से प्रस्तुत करना शामिल था।

Doubts Revealed


दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली, भारत में एक बड़ा न्यायालय है, जहाँ महत्वपूर्ण कानूनी मामलों का निर्णय लिया जाता है।

जमानत -: जमानत का मतलब है कि जो व्यक्ति जेल में था वह घर जा सकता है, लेकिन उसे बाद में फिर से अदालत में जाना पड़ सकता है।

मनी लॉन्ड्रिंग -: मनी लॉन्ड्रिंग तब होती है जब लोग यह छिपाने की कोशिश करते हैं कि पैसा वास्तव में कहाँ से आया, आमतौर पर क्योंकि यह बुरे या अवैध तरीके से कमाया गया था।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) -: प्रवर्तन निदेशालय भारत में एक सरकारी एजेंसी है जो मनी लॉन्ड्रिंग जैसे वित्तीय अपराधों की जांच करती है।

अमित अरोड़ा -: अमित अरोड़ा एक व्यवसायी हैं और बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक हैं।

अमंदीप ढल -: अमंदीप ढल एक व्यवसायी हैं और ब्रिंडको सेल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के निदेशक हैं।

नियमित जमानत -: नियमित जमानत का मतलब है कि व्यक्ति अपने मामले का निर्णय अदालत में होने तक जेल से बाहर रह सकता है।

वित्तीय अनियमितताएँ -: वित्तीय अनियमितताएँ तब होती हैं जब पैसे को सही या कानूनी तरीके से नहीं संभाला जाता है।

भ्रष्टाचार -: भ्रष्टाचार तब होता है जब सत्ता में बैठे लोग बेईमान या अवैध काम करते हैं, अक्सर पैसे या व्यक्तिगत लाभ के लिए।

दिल्ली आबकारी नीति -: दिल्ली आबकारी नीति उन नियमों का सेट है जो दिल्ली में शराब की बिक्री और प्रबंधन के बारे में हैं।
Exit mobile version