एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के प्रवेश को नकारा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश में चीन के प्रवेश की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर मजबूत गश्त बनाए रखता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पिछले दशक में गश्त में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं हुआ है।
अरुणाचल प्रदेश पर भारत का रुख
चीन लंबे समय से अरुणाचल प्रदेश को अपनी भूमि बताता रहा है और इस क्षेत्र में स्थानों के नाम भी बदल चुका है। भारत ने इन दावों को खारिज कर दिया है और अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया है।
भारत-बांग्लादेश संबंध
जयशंकर ने भारत और बांग्लादेश के बीच गहरे संबंधों को उजागर किया और राजनीतिक परिवर्तनों के बावजूद मजबूत संबंध बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस रिश्ते की मजबूती पर विश्वास व्यक्त किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के लिए भारत की कोशिश
जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सीट के लिए भारत के प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने बातचीत की जटिलताओं को स्वीकार किया लेकिन भारत की समावेशिता के लिए बढ़ते अंतरराष्ट्रीय समर्थन को भी नोट किया।
Doubts Revealed
एस जयशंकर -: एस जयशंकर भारत के विदेश मंत्री हैं। वह भारत के अन्य देशों के साथ विदेशी संबंधों को प्रबंधित करने के लिए जिम्मेदार हैं।
चीन का अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश -: कुछ रिपोर्ट्स में सुझाव दिया गया था कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश, जो भारत का एक राज्य है, में प्रवेश किया है। हालांकि, एस जयशंकर ने इन रिपोर्ट्स का खंडन किया, यह कहते हुए कि भारत सीमा पर करीबी नजर रख रहा है।
एलएसी -: एलएसी का मतलब वास्तविक नियंत्रण रेखा है। यह सीमा भारतीय नियंत्रित क्षेत्र को चीनी नियंत्रित क्षेत्र से अलग करती है।
भारत-बांग्लादेश संबंध -: भारत और बांग्लादेश दक्षिण एशिया के पड़ोसी देश हैं। वे एक लंबा इतिहास साझा करते हैं और उनके मजबूत सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध हैं।
यूएनएससी सीट -: यूएनएससी का मतलब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद है। भारत इस परिषद में एक स्थायी सीट की मांग कर रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।