दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली

नई दिल्ली, 13 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति मामले में जमानत दे दी है। इस फैसले का स्वागत दिल्ली मंत्री गोपाल राय और आप विधायक कुलदीप कुमार ने किया।

आप नेताओं की प्रतिक्रियाएं

दिल्ली मंत्री गोपाल राय ने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा, ‘सबको बधाई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अब बाहर आ रहे हैं। लोगों में खुशी है। इस फैसले ने दिल्ली और पूरे देश में संदेश भेजा है कि चाहे तानाशाही कितनी भी मजबूत हो, उसे एक दिन हारना ही पड़ता है।’

आप विधायक कुलदीप कुमार ने कहा, ‘उनके खिलाफ सभी साजिशें अब विफल हो गई हैं। यह एक बड़ी जीत है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है। भाजपा द्वारा बनाई गई पूरी फर्जी योजना अब उजागर हो गई है। जब दिल्ली का बेटा आएगा तो बड़ा जश्न होगा।’

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्यकांत और उज्जल भुयान की पीठ ने केजरीवाल को जमानत दी, यह कहते हुए कि लंबे समय तक कारावास स्वतंत्रता का अनुचित हनन है। जमानत 10 लाख रुपये के बांड के साथ दी गई।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने इस फैसले का स्वागत किया और केंद्र सरकार पर विपक्षी दलों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमानत मिली और अब अरविंद केजरीवाल को। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को जमानती पाया। केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी दलों के खिलाफ अग्रणी संगठनों के रूप में दुरुपयोग कर रही है। देश में डर का माहौल है। यह निर्णय सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा के बाद आया है। यह सुप्रीम कोर्ट का सर्वसम्मत निर्णय है और हम इसका स्वागत करते हैं। भाजपा और मोदी सरकार को सबक सीखना चाहिए। लोकतांत्रिक देश में विपक्षी नेताओं को परेशान करना उचित नहीं है।’

राजद सांसद मनोज झा ने भी टिप्पणी की, यह कहते हुए कि अदालत का निर्णय भाजपा को एजेंसियों के दुरुपयोग के बारे में स्पष्ट संदेश भेजता है।

भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने तर्क दिया कि जमानत केजरीवाल को निर्दोष नहीं बनाती। उन्होंने कहा, ‘अदालत ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराया है। आप क्या मना रही है? कब से ‘जमानत किसी को निर्दोष बनाती है’? अदालत ने मामले की मेरिट पर एक भी टिप्पणी नहीं की है। केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रवेश करने या किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से रोका गया है। दिल्ली के लोगों को एक ऐसे नेता के अधीन क्यों रहना चाहिए जो 150 दिनों तक जेल में रहने के बाद भी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर सकता?’

पृष्ठभूमि

केजरीवाल को 21 मार्च, 2024 को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अब रद्द की गई दिल्ली शराब नीति 2021-22 से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। 26 जून, 2024 को उन्हें सीबीआई द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत में रहते हुए शराब मामले में गिरफ्तार किया गया था।

Doubts Revealed


सुप्रीम कोर्ट -: सुप्रीम कोर्ट भारत का सबसे उच्च न्यायालय है। यह कानूनों और न्याय के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेता है।

जमानत -: जमानत तब होती है जब किसी को गिरफ्तार किया गया हो और उसे उसके मुकदमे तक घर जाने की अनुमति दी जाती है, आमतौर पर पैसे देकर यह वादा किया जाता है कि वह वापस आएगा।

दिल्ली सीएम -: दिल्ली सीएम का मतलब दिल्ली के मुख्यमंत्री होता है। मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार के प्रमुख होते हैं।

अरविंद केजरीवाल -: अरविंद केजरीवाल वर्तमान में दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं। वह आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता हैं।

आबकारी नीति मामला -: आबकारी नीति मामला दिल्ली में शराब की बिक्री और कराधान के नियमों से संबंधित है। 2021-22 की नीति में गलत काम करने के आरोप थे।

गोपाल राय -: गोपाल राय दिल्ली सरकार में मंत्री हैं और आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य हैं।

AAP विधायक कुलदीप कुमार -: कुलदीप कुमार दिल्ली में विधायक (MLA) हैं और आम आदमी पार्टी (AAP) से संबंधित हैं।

कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी -: प्रमोद तिवारी कांग्रेस पार्टी के नेता हैं, जो भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टियों में से एक है।

भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी -: प्रदीप भंडारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवक्ता हैं, जो भारत की एक और प्रमुख राजनीतिक पार्टी है।

मनी लॉन्ड्रिंग जांच -: मनी लॉन्ड्रिंग जांच यह पता लगाने के लिए होती है कि क्या कोई अवैध पैसे को वैध दिखाने की कोशिश कर रहा है।

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