शरजील इमाम ने 28 महीने की हिरासत के बाद जल्दी जमानत सुनवाई की मांग की

शरजील इमाम ने 28 महीने की हिरासत के बाद जल्दी जमानत सुनवाई की मांग की

शरजील इमाम ने 28 महीने की हिरासत के बाद जल्दी जमानत सुनवाई की मांग की

शरजील इमाम, जो दिल्ली दंगों 2020 के मामले में आरोपी हैं, ने दिल्ली उच्च न्यायालय से अपनी जमानत याचिका की जल्दी सुनवाई की मांग की है। इमाम की जमानत याचिका पिछले 28 महीनों से लंबित है और वह 28 जनवरी 2020 से हिरासत में हैं।

यह याचिका, जो वकील तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम द्वारा प्रस्तुत की गई है, ट्रायल कोर्ट के जमानत आवेदन को खारिज करने के फैसले को चुनौती देती है। इस आदेश के खिलाफ अपील 29 अप्रैल 2022 से लंबित है और विभिन्न डिवीजन बेंचों के बार-बार बदलने के कारण कम से कम 62 बार सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गई है।

याचिका में यह भी बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आवेदनों पर तेजी से निर्णय लेने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जो आमतौर पर 2-4 सप्ताह के भीतर होने चाहिए। हालांकि, इमाम के मामले में महत्वपूर्ण देरी हुई है, जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित हुई है। इमाम, जो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पीएच.डी. के छात्र हैं, अपनी गिरफ्तारी के समय आधुनिक इतिहास में पीएच.डी. के अंतिम वर्ष में थे।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने अगली सुनवाई की तारीख 7 अक्टूबर 2024 निर्धारित की है।

Doubts Revealed


शरजील इमाम -: शरजील इमाम एक व्यक्ति है जिसे 2020 में हुए दिल्ली दंगों में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। वह लंबे समय से जेल में है और जमानत पर रिहा होने की मांग कर रहा है।

जल्दी जमानत सुनवाई -: जल्दी जमानत सुनवाई का मतलब है कि शरजील इमाम चाहता है कि अदालत उसकी जेल से रिहाई की मांग को पहले सुने।

हिरासत -: हिरासत का मतलब है जेल में या पुलिस की निगरानी में रखा जाना। शरजील इमाम 28 महीने से हिरासत में है, जो दो साल से अधिक है।

दिल्ली दंगे 2020 -: दिल्ली दंगे 2020 फरवरी 2020 में दिल्ली, भारत की राजधानी में हुए हिंसक झड़पें थीं। कई लोग घायल हुए थे और बहुत नुकसान हुआ था।

जमानत याचिका -: जमानत याचिका एक अनुरोध है जो अदालत से किया जाता है कि किसी व्यक्ति को उनके मुकदमे के होने तक जेल से रिहा किया जाए।

वकील तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम -: वकील तालिब मुस्तफा और अहमद इब्राहिम वे वकील हैं जो शरजील इमाम की मदद कर रहे हैं। वे अदालत में उसका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

निचली अदालत -: निचली अदालत वह जगह है जहां मामलों की सुनवाई और निर्णय होते हैं। यह वह पहला स्तर है जहां एक मामला प्रस्तुत किया जाता है।

जमानत आवेदन -: जमानत आवेदन एक औपचारिक अनुरोध है जो अदालत से किया जाता है कि किसी व्यक्ति को उनके मामले के निर्णय होने तक जेल से बाहर जाने की अनुमति दी जाए।

दिल्ली उच्च न्यायालय -: दिल्ली उच्च न्यायालय दिल्ली का एक उच्च स्तर का न्यायालय है जो निचली अदालतों के निर्णयों की समीक्षा कर सकता है। यह वह जगह है जहां शरजील इमाम का मामला अब सुना जा रहा है।

7 अक्टूबर, 2024 -: 7 अक्टूबर, 2024 वह तारीख है जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने शरजील इमाम की जमानत याचिका की अगली सुनवाई निर्धारित की है। इसका मतलब है कि वे उस दिन उसकी जेल से रिहाई की मांग पर चर्चा करेंगे।

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