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दिल्ली हाई कोर्ट ने पान मसाला पैकेज पर बड़े स्वास्थ्य चेतावनी का समर्थन किया

दिल्ली हाई कोर्ट ने पान मसाला पैकेज पर बड़े स्वास्थ्य चेतावनी का समर्थन किया

दिल्ली हाई कोर्ट ने पान मसाला पैकेज पर बड़े स्वास्थ्य चेतावनी का समर्थन किया

दिल्ली हाई कोर्ट ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के उस नियम का समर्थन किया है जिसमें पान मसाला पैकेज पर स्वास्थ्य चेतावनी का आकार बढ़ाकर फ्रंट लेबल का 50% करने की बात कही गई है। कोर्ट ने पान मसाला निर्माताओं की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने इस नियम को अवैध और असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस नियम का उद्देश्य उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य चेतावनी को अधिक ध्यान देने योग्य बनाना है। कोर्ट ने पाया कि 3 मिलीमीटर से बढ़ाकर फ्रंट लेबल का 50% करना एक उपयुक्त और प्रभावी उपाय है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने पहले ही सुपारी युक्त उत्पादों के लिए बड़े चेतावनी लेबल की सिफारिश की थी, जैसे कि तंबाकू उत्पादों पर होते हैं। कोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि FSSAI शराब की बोतलों पर भी स्वास्थ्य चेतावनी का आकार बढ़ाने पर विचार कर रहा है।

यह निर्णय 9 जुलाई को आया, जब पान मसाला ब्रांड्स राजनिगंधा, तानसेन, और मस्तबा ने इस नियम को अवैध और असंवैधानिक घोषित करने की याचिका दायर की थी। हालांकि, कोर्ट ने इस नियम को उचित और सार्वजनिक स्वास्थ्य उद्देश्यों के अनुरूप पाया।

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