दिल्ली हाई कोर्ट बीआरएस नेता के कविता की जमानत पर फैसला सुनाएगा
दिल्ली हाई कोर्ट 1 जुलाई 2024 को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के कविता की जमानत याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। ये याचिकाएं केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किए गए एक्साइज पॉलिसी मामले से संबंधित हैं।
तर्क और विरोध
सीनियर एडवोकेट विक्रम चौधरी और एडवोकेट नितेश राणा ने के कविता का प्रतिनिधित्व किया, जबकि एडवोकेट मोहित राव और दीपक नागर भी उनके लिए उपस्थित थे। एडवोकेट डीपी सिंह ने सीबीआई का प्रतिनिधित्व किया और एडवोकेट जोहेब हुसैन ने ईडी का प्रतिनिधित्व किया।
सीबीआई ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है और कविता को रिहा करने से प्रक्रिया में बाधा आ सकती है। ईडी ने भी जमानत का विरोध किया, यह तर्क देते हुए कि मनी लॉन्ड्रिंग अपराध की प्रकृति के कारण आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सामान्य शर्तों से अधिक की आवश्यकता है।
पृष्ठभूमि और आरोप
दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले कविता की जमानत याचिकाओं के संबंध में ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया था। ईडी ने हाल ही में एक्साइज पॉलिसी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एक पूरक चार्जशीट दाखिल की, जिसमें के कविता और अन्य आरोपियों का नाम शामिल है।
के कविता की जमानत याचिका में उल्लेख किया गया कि वह दो बच्चों की मां हैं, जिनमें से एक चिकित्सा निगरानी में है। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ मामला अपुष्ट बयानों पर आधारित है और उनकी गिरफ्तारी अवैध थी।
पिछले कोर्ट के फैसले
6 मई को, दिल्ली के राउस एवेन्यू कोर्ट ने कविता की जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया था। उन्हें 15 मार्च 2024 को ईडी द्वारा और 11 अप्रैल 2024 को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
जांच विवरण
सीबीआई ने कहा कि एक्साइज पॉलिसी से संबंधित बड़ी साजिश और मनी ट्रेल का पता लगाने के लिए कविता की हिरासत में पूछताछ आवश्यक थी। जांच में कथित अनियमितताओं का खुलासा हुआ, जिसमें लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ और सरकारी खजाने को बड़ा वित्तीय नुकसान शामिल है।